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वेव्स 2025 में पीएम मोदी ने दिया `भारत में सृजन` का संकल्प, कहा- `युवाओं को मानवता विरोधी विचारों से बचाए`

Updated on: 01 May, 2025 04:46 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि WAVES शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा और रचनात्मकता को समाहित करने वाले वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रखेगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. तस्वीर/पीटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी. तस्वीर/पीटीआई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) 2025 का उद्घाटन किया. उन्होंने इसे एक परिवर्तनकारी मंच बताया जो दुनिया भर के रचनाकारों, कहानीकारों, नवोन्मेषकों और नीति निर्माताओं को एकजुट करता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि WAVES शिखर सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय प्रतिभा और रचनात्मकता को समाहित करने वाले वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रखेगा. 

वैश्विक प्रतिनिधियों से खचाखच भरे सभागार में मुख्य भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज 100 से अधिक देशों के कलाकार, नवोन्मेषक, निवेशक और नीति निर्माता एक छत के नीचे एकत्र हुए हैं. हम प्रतिभा और रचनात्मकता के वैश्विक पारिस्थितिकी तंत्र की नींव रख रहे हैं. WAVES एक ऐसा वैश्विक मंच है जो हर कलाकार और रचनाकार का है." 


मुंबई में पहले वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (WAVES) का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि यह "भारत में सृजन करें, दुनिया के लिए सृजन करें" का सही समय है, जब दुनिया कहानी कहने के नए तरीकों की तलाश कर रही है, जबकि भारत के पास देने के लिए बहुत कुछ है. भारत के बढ़ते सांस्कृतिक प्रभाव पर विचार करते हुए, पीएम मोदी ने कहा, "हाल के वर्षों में, भारतीय सिनेमा ने भारत की भावना को दुनिया के कोने-कोने तक पहुँचाने में सफलता प्राप्त की है. रूस में राज कपूर की विरासत से लेकर कान में सत्यजीत रे की शानदार फ़िल्म और ऑस्कर में आरआरआर की जीत तक, ये मील के पत्थर बहुत कुछ कहते हैं." उन्होंने आगे कहा, "चाहे गुरु दत्त की काव्यात्मक फ़िल्म हो, एआर रहमान की संगीतमय लय हो या राजामौली की महाकाव्यात्मक कहानी, इन कहानियों ने लाखों लोगों के दिलों को छुआ है. जिस तरह एक माँ अपने बच्चे के लिए सपने बुनती है, उसी तरह रचनात्मक दुनिया एक पूरे युग के सपने बुनती है." 


पीएम मोदी ने रचनात्मक ज़िम्मेदारी की वकालत करते हुए कहा कि तकनीक लोगों के जीवन में तेज़ी से महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और मानवीय संवेदनशीलता को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास की आवश्यकता है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा, "मनुष्यों को रोबोट नहीं बनाया जाना चाहिए. हमें उन्हें और अधिक संवेदनशील बनाने की ज़रूरत है." प्रधानमंत्री ने युवा पीढ़ी को मानवता विरोधी विचारों से बचाने का आह्वान किया. प्रधानमंत्री मोदी की यह टिप्पणी विवादास्पद ऑनलाइन सामग्री पर बढ़ती बहस के बीच आई है, जिसके कारण सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार से जवाब मांगा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे समय में जब भारत फिल्म निर्माण, डिजिटल सामग्री, गेमिंग, फैशन, संगीत और लाइव कॉन्सर्ट के लिए एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र के रूप में उभर रहा है, वेव्स में वैश्विक प्रतिभाओं को एक मंच प्रदान करने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि भारतीय `खाना` की तरह, मुझे यकीन है कि भारतीय `गाना` भी वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हो जाएगा, उन्होंने कहा कि स्क्रीन का आकार भले ही छोटा हो रहा हो, लेकिन संदेश (भारत की कहानियाँ) मेगा बन रहा है.


उन्होंने कहा, "भले ही स्क्रीन का आकार छोटा होता जा रहा हो, लेकिन दायरा अनंत होता जा रहा है." इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर के रचनाकारों, स्टार्टअप्स, उद्योग के नेताओं और नीति-निर्माताओं को एक साथ लाकर भारत को मीडिया, मनोरंजन और डिजिटल नवाचार के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना है.

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