Updated on: 29 April, 2025 09:35 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
यह नागपुर के भोंसले राजवंश के संस्थापक राजे रघुजी भोंसले की ऐतिहासिक तलवार है.
तस्वीर/X
महाराष्ट्र सरकार ने प्रसिद्ध `रघुजी तलवार` को 47.15 लाख रुपये में खरीदा है, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को यह जानकारी दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार यह नागपुर के भोंसले राजवंश के संस्थापक राजे रघुजी भोंसले की ऐतिहासिक तलवार है, जिन्होंने 1745 में बंगाल के नवाब के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व किया था, फडणवीस ने एक्स पर बताया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ने बताया कि तलवार को सीधे तौर पर नहीं बल्कि कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण एक बिचौलिए के माध्यम से खरीदा गया था. सोथबी ने मंगलवार को नीलामी आयोजित की, जिसने अपने पोर्टल पर कहा कि बास्केट-हिल्ट तलवार (खंडा) 38,100 पाउंड में बेची गई. नीलामी से पहले अनुमान 6,000 से 8,000 पाउंड के बीच था.
वैश्विक नीलामी घर ने तलवार का वर्णन इस प्रकार किया है, "थोड़ा घुमावदार, यूरोपीय शैली का एकधारी ब्लेड, जिसमें दो फुलर और फोर्टे की ओर नकली निर्माता के निशान हैं, रीढ़ पर सोने की नक्काशी देवनागरी लिपि में की गई है, पारंपरिक `टोकरी` शैली के मूठ में जड़ा गया है, जिस पर पूरी तरह से काम किया हुआ सोना चढ़ा हुआ है, पकड़ हरे बुने हुए ऊन से ढकी हुई है." रिपोर्ट के अनुसार इसमें कहा गया है, "रीढ़ पर देवनागरी लिपि में शिलालेख से पता चलता है कि इसे मराठा सेनापति रघुजी भोंसले (1739-55) के लिए बनाया गया था, जिन्होंने दक्कन के उत्तर में नागपुर शहर पर केन्द्रित एक बड़ा साम्राज्य स्थापित किया था."
इसमें कहा गया है, "लंबे सीधे ब्लेड को मूल रूप से यूरोपीय प्रतीत होने के लिए चिह्नित किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपीय ब्लेड की भारतीय नकलें वैलेस संग्रह में हैं (inv. Nos.OA 1452, OA 1455, OA 1811 और OA 1873). जर्मनी में सोलिंगन और वेनिस और जेनोआ सहित केंद्रों में बनी यूरोपीय ब्लेड वाली तलवारें फिरंगी (फ्रैंकिश) के रूप में जानी जाती थीं और भारतीय दरबारों में उनकी मांग थी. 1608-13 तक भारत की यात्रा करने वाले विलियम हॉकिन्स ने बताया कि जहाँगीर के खजाने में जर्मन ब्लेड वाली 2200 तलवारें थीं."
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT