Updated on: 29 September, 2025 08:15 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में कैबिनेट उप-समिति की बैठक के बाद बोलते हुए, शेलार ने कहा कि मामलों को वापस लेने के लिए कुल 201 आवेदन प्राप्त हुए हैं.
आशीष शेलार ने कहा कि कई कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और प्रदर्शनकारियों पर बेवजह मामला दर्ज किया गया. फ़ाइल तस्वीर
महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में विभिन्न धार्मिक, राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों के दौरान दर्ज 77 मामलों को वापस लेने की सिफ़ारिश की है, जबकि गंभीर अपराधों से जुड़े 47 आवेदनों को खारिज कर दिया गया है, राज्य मंत्री आशीष शेलार ने सोमवार को यह जानकारी दी. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में कैबिनेट उप-समिति की बैठक के बाद बोलते हुए, शेलार ने कहा कि मामलों को वापस लेने के लिए कुल 201 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें से 77 आवेदन योग्य पाए गए और अब उन्हें आगे की जाँच के लिए पुलिस उपायुक्तों (डीसीपी) की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों को भेजा जाएगा.
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रिपोर्ट के मुताबिक शेलार ने स्पष्ट किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध, गंभीर आपराधिक अपराध या व्यक्तिगत/दीवानी विवाद से जुड़े मामले सरकार की नीति के तहत वापस लेने योग्य नहीं हैं, और ऐसे मामलों से संबंधित आवेदनों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया गया है. आशीष शेलार ने कहा, "प्राप्त 201 आवेदनों में से, कैबिनेट उप-समिति ने 77 मामलों को वापस लेने की सिफ़ारिश की है. अब इन्हें आगे की समीक्षा के लिए पुलिस उपायुक्तों की अध्यक्षता वाली क्षेत्रीय समितियों के समक्ष रखा जाएगा."
उन्होंने कहा कि मौजूदा या पूर्व विधायकों और सांसदों से जुड़े छह मामले सरकारी प्रस्तावों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अंतर्गत आते हैं, और उनका अंतिम निपटारा बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार सामाजिक, राजनीतिक और आंदोलन संबंधी घटनाओं से उत्पन्न मामलों को वापस लेने की याचिकाओं की जाँच के लिए गठित कैबिनेट उप-समिति के अध्यक्ष आशीष शेलार हैं, जो राज्य के सांस्कृतिक मामलों, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री और मुंबई उपनगरीय ज़िले के संरक्षक मंत्री भी हैं.
बैठक में विधि एवं न्यायपालिका विभाग के प्रधान सचिव उदय शुक्ला, अभियोजन निदेशक अशोक भिल्लारे, गृह विभाग के उप सचिव चेतन निकम के अलावा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी उपस्थित थे. रिपोर्ट के मुताबिक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि गणेशोत्सव, नवरात्रि, दही हांडी समारोह, कोविड-19 के दौरान आयोजित सामाजिक कार्यक्रमों और श्रमिक आंदोलनों के दौरान दर्ज मामलों की नए आवेदनों के आधार पर समीक्षा की जाएगी. मंत्री ने कहा, "इस संबंध में जल्द ही एक नई बैठक बुलाई जाएगी. गणेशोत्सव मंडल, नवरात्रि मंडल, सामाजिक संगठन, संघ प्रतिनिधि और कार्यकर्ता अपने आवेदनों के साथ सरकार से संपर्क करें."
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