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MIDC ने MSRTC बस स्टैंड को बदलने के लिए उठाया बड़ा कदम, 600 करोड़ का हुआ समझौता

Updated on: 21 December, 2023 12:03 PM IST | mumbai
Rajendra B. Aklekar | rajendra.aklekar@mid-day.com

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने सभी राज्य बस अड्डों को पक्का करने के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) के साथ 600 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.

Photos: Satej Shinde

Photos: Satej Shinde

Mumbai News: महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. राज्य परिवहन डिपो में बड़े-बड़े गड्ढे जल्द ही अतीत की बात हो सकते हैं. जी हां, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) ने सभी राज्य बस अड्डों को पक्का करने के लिए महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) के साथ 600 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने जून 2023 में उपक्रम की 75वीं वर्षगांठ के कार्यक्रम में ऐलान किया है कि सभी बस डिपो में अच्छी तरह से रखरखाव वाली कंक्रीट सड़कें होनी चाहिए. उन्होंने कहा ज्यादा जानकारी देते हुए कहा- `हमने MIDC से इस उद्देश्य के लिए दो चरणों में MSRTC को अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने के लिए कहा है. इस सौदे को अंतिम रूप दिया गया है, एमआईडीसी एमएसआरटीसी को अपने बस स्टैंडों को अपग्रेड करने में सहायता करेगा. आज 600 करोड़ रुपये के समझौते पर हस्ताक्षर किए गए है. बस स्टैंड एमएसआरटीसी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इसका यात्रियों पर सीधा प्रभाव पड़ता है.`

एमएसआरटीसी के एक प्रवक्ता ने इस पर बात करते हुए कहा- `एमएसआरटीसी के राज्य भर में 609 बस स्टैंड हैं, जिनमें से 563 इस समय सक्रीय हैं. मानसून के दौरान गड्ढों के चलते यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा करती है और कीचड़ जमा होने के कारण बसों को भी नुकसान पहुंचता हैं.` प्रवक्ता ने आगे कहा, `शुरुआती चरण में, एमआईडीसी 193 एसटी बस स्टैंडों को अपग्रेड करने के लिए एक प्रक्रिया शुरू करेगा, जिसमें कंक्रीटिंग के लिए 500 करोड़ रुपये, पेंटिंग और मामूली मरम्मत के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करेंगे.`



आपको बता दें, ज्यादातर बस डिपो में निम्न-गुणवत्ता वाली सड़कें हैं, जो आमतौर पर मानसून के दौरान खराब हो जाती हैं. यात्राओं के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए जोखिम पैदा होता है. बरसात के मौसम में पानी से भरे गड्ढों में बस चालकों के नियंत्रण खोने और बस के अंडरगियर को नुकसान पहुंचाने की संभावना बढ़ जाती है. इन डिपो में रोजाना कई बसें आती हैं और ड्राइवर लंबे समय से इस गंभीर स्थिति के बारे में शिकायत करते रहे हैं, लेकिन अब इस रणनीति के बाद सभी को राहत पहुंचने की उम्मीद है. 


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