Updated on: 10 August, 2025 12:45 PM IST | Mumbai
Amarjeet Singh
एमएमसी प्रशासक डॉ. विंकी रुघवानी ने रविवार दोपहर को पुष्टि की कि काउंसिल ने मामले का संज्ञान लिया है.
ये विवादास्पद सर्जरी एक निजी क्लिनिक में की गईं. प्रतीकात्मक तस्वीर/आईस्टॉक
महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल (एमएमसी) जल्द ही वाशी के उन डॉक्टरों को तलब करेगी जिन पर नवी मुंबई में मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद कथित तौर पर छह बुजुर्ग मरीजों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में लापरवाही का आरोप लगाया गया है. एमएमसी प्रशासक डॉ. विंकी रुघवानी ने रविवार दोपहर को पुष्टि की कि काउंसिल ने मामले का संज्ञान लिया है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
रुघवानी ने कहा, "हम जल्द ही संबंधित डॉक्टरों को सुनवाई के लिए बुलाएंगे. हमने आरोपों के बारे में उनसे स्पष्टीकरण मांगने के लिए उन्हें पत्र भी भेजा है." यह घटनाक्रम नवी मुंबई नगर निगम (एनएमएमसी) द्वारा वाशी के एक निजी क्लिनिक में की गई विवादास्पद सर्जरी की आंतरिक जांच शुरू करने के कुछ दिनों बाद सामने आया है.
इन प्रक्रियाओं के कारण कथित तौर पर छह बुजुर्ग आंशिक या पूरी तरह से अंधे हो गए हैं. प्रभावित परिवारों ने डॉक्टरों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है और सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. एनएमएमसी का स्वास्थ्य विभाग क्लिनिक और पीड़ित परिवारों से सबूत और बयान एकत्र कर रहा है, वहीं एमएमसी की भागीदारी मामले में एक नियामक और अनुशासनात्मक पहलू जोड़ती है.
महाराष्ट्र में चिकित्सा पद्धति की देखरेख करने वाली इस परिषद को पेशेवर कदाचार के दोषी पाए गए डॉक्टरों के लाइसेंस निलंबित या रद्द करने का अधिकार है. सूत्रों के अनुसार, डॉक्टरों को एमएमसी के समक्ष अपना बचाव प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा, जो आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने से पहले सभी साक्ष्यों की समीक्षा करेगी. रोगी अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस सुनवाई का परिणाम इसी तरह के मामलों में त्वरित अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है. सर्जरी के बाद 6 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT