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उद्घाटन के बाद ही टूटने लगी एमटीएचएल, आदित्य ठाकरे ने फडणवीस सरकार की लापरवाही उजागर की

Updated on: 06 October, 2025 09:33 AM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

आदित्य ठाकरे ने फडणवीस सरकार की लापरवाही को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल उद्घाटन किए गए ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) और अटल सेतु में अब एक साल के भीतर ही मरम्मत और पैचवर्क की जरूरत पड़ गई है.

X/Pics, Aaditya Thackeray

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शिवसेना (यूबीटी) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने फडणवीस सरकार पर ट्रांस-हार्बर लिंक (एमटीएचएल) और अटल सेतु परियोजना को लेकर तीखा हमला बोला है. ठाकरे ने कहा कि पिछले साल जिस ट्रांस-हार्बर लिंक का उद्घाटन हुआ था, उसे अब एक साल के भीतर ही पैचवर्क और सड़क पुनर्निर्माण की जरूरत पड़ गई है. उन्होंने इसे सीधे तौर पर भाजपा सरकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार का उदाहरण बताया.

ठाकरे ने एक्स पर लिखा कि कल्पना कीजिए, एक ऐसा प्रोजेक्ट जिसका उद्घाटन पिछले साल ही हुआ, उसे एक साल के भीतर ही सुधार की आवश्यकता पड़ रही है. यह वही स्थिति है जो फेकनाथ मिंधे, यानी एकनाथ शिंदे के शासनकाल में भी देखने को मिली थी. ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि एमवीए सरकार के दौरान इस ढाँचे का 82% हिस्सा नहीं बनता, तो उसमें और भी ज्यादा भ्रष्टाचार की दरारें दिखाई देतीं.


 




 

विपक्ष नेता ठाकरे ने जोर देकर कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में बड़े प्रोजेक्टों में समय और गुणवत्ता के मामले में लगातार कमी देखने को मिली है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब राज्य की जनता भारी निवेश कर रही है, तो ऐसे प्रोजेक्ट्स की गुणवत्ता में इतनी बड़ी खामी क्यों है. ठाकरे ने कहा कि जनता को ऐसे ढांचे चाहिए जो टिकाऊ और भरोसेमंद हों, न कि ऐसे जिनमें उद्घाटन के तुरंत बाद ही सुधार की आवश्यकता पड़ जाए.

ठाकरे ने अपने बयान में यह भी कहा कि एमटीएचएल और अटल सेतु जैसे प्रोजेक्ट सिर्फ इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं, बल्कि यह जनता का भरोसा और सरकार की जवाबदेही भी हैं. उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह स्पष्ट संकेत है कि बड़े निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार और लापरवाही ने जगह बना ली है. उन्होंने जनता से सवाल किया कि क्या वे ऐसे ढांचों पर भरोसा कर सकते हैं, जिनमें उद्घाटन के तुरंत बाद ही निर्माण दोष सामने आ जाते हैं.

ठाकरे ने कहा कि केवल उद्घाटन करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रोजेक्ट लंबे समय तक सुरक्षित और स्थायी रहें. उन्होंने एमटीएचएल और अटल सेतु जैसे ढांचों में गुणवत्ता, जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की मांग दोहराई.

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