Updated on: 30 December, 2024 06:56 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
यहां मालवणी पुलिस ने कहा कि कारण अभी तक पता नहीं है. चूंकि इस मामले में दुर्घटना की कोई संभावना नहीं है, इसलिए पुलिस ने आकस्मिक मौत दर्ज की है.
प्रतीकात्मक फ़ाइल छवि
मुंबई के मलाड से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. मलाड पश्चिम में एक धार्मिक शिक्षण संस्थान में शनिवार रात एक 10 वर्षीय लड़के ने आत्महत्या कर ली, यह मामला सामने आया है. यहां मालवणी पुलिस ने कहा कि उनकी मौत का कारण अभी तक पता नहीं चल पाया है. चूंकि इस मामले में दुर्घटना की कोई संभावना नहीं है, इसलिए मालवणी पुलिस ने आकस्मिक मौत दर्ज की है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक बच्चे का परिवार मलाड के मालवणी इलाके में रहता है. दस साल का एक लड़का धार्मिक शिक्षा के लिए मदरसे में रह रहा था. इसके अलावा, वह छुट्टियों के दौरान अपने परिवार से मिलने जाते थे. पुलिस को परिजनों से अधिक जानकारी नहीं मिली है. शनिवार की सुबह, लड़के के माता-पिता उसे हमेशा की तरह मदरसे में छोड़ गए.
रात में जब मदरसे के अन्य बच्चे खेलने के लिए बाहर गए, तो लड़के ने गला घोंटकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. घटना के बाद उन्हें डॉक्टर के पास ले जाया गया लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. पुलिस ने कहा कि 10 वर्षीय लड़के की आत्महत्या से पहले कोई नोट नहीं मिला. पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या उन्होंने अपने परिवार से दूर रहने के कारण आत्महत्या की या किसी अन्य कारण से.
बच्चों में आत्महत्या की दर बढ़ रही है
ताड़देव के तुलसीवाड़ी में महालक्ष्मी भवन में रहने वाले मेघवाल समुदाय के 21 वर्षीय उदय चौहान ने भी अपने घर के बेडरूम में पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली. प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, ताड़देव पुलिस ने एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट (एडीआर) दर्ज कर उदय का शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया. पुलिस ने बताया कि आत्महत्या से पहले उदय ने एक व्हाट्सएप स्टेटस रखा था जिसमें लिखा था कि मौत जीवन का अंत नहीं बल्कि एक नई जिंदगी की शुरुआत है.
उदय के चाचा अशोक चौहान ने `मिड-डे` को बताया कि उदय ने बेडरूम में जाकर आत्महत्या कर ली क्योंकि मेरी भाभी जयाबहन की नजर उस पर पड़ी थी और वह 20 मिनट से डिप्रेशन में थी. शुक्रवार रात ढाई बजे उन्होंने खाना खाया. इसके बाद वह मोबाइल में गाना सुन रहा था. उसे जागता देख भाभी ने कई बार सोने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना. भाभी को यह देखने के लिए भी नींद नहीं आई कि वह क्या कर रहा है. आख़िरकार सुबह चार बजे उदय शयनकक्ष में गया तो भाभी ने सोचा कि वहीं जाकर सो जाएगा. तो भाभी भी बाहर हॉल में सो गईं. करीब 20 मिनट बाद जब भाभी उठकर देखने गईं कि उदय क्या कर रहा है तो उदय दुपट्टे के सहारे पंखे से लटका हुआ था.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT