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Mumbai: फेरीवालों को रोकने के लिए बीएमसी को अब रेलवे का सहारा

Updated on: 08 April, 2025 04:50 PM IST | Mumbai
Sameer Surve | sameer.surve@mid-day.com

यह पहली बार है जब नगर निगम ने रेलवे से हस्तक्षेप करने और फेरीवालों को सड़कों पर भीड़ लगाने से पहले स्टेशन परिसर में रोकने के लिए कहा है.

फ़ाइल चित्र

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बीएमसी के घाटकोपर वार्ड कार्यालय ने अब रेलवे से अनुरोध किया है कि वह दूर-दराज के उपनगरीय इलाकों से ट्रेन पकड़कर घाटकोपर में फेरी लगाने आने वाले फेरीवालों पर नज़र रखे. यह पहली बार है जब नगर निगम ने रेलवे से हस्तक्षेप करने और फेरीवालों को घाटकोपर की सड़कों पर भीड़ लगाने से पहले स्टेशन परिसर में रोकने के लिए कहा है. मिड-डे ने फेरीवालों की समस्याओं पर कई बार रिपोर्ट की है. एन वार्ड के सहायक नगर आयुक्त (एएमसी) ने पिछले सप्ताह घाटकोपर स्टेशन मास्टर को पत्र लिखकर पड़ोसी ठाणे शहर से फेरीवालों को घाटकोपर स्टेशन पर उतरने से रोकने के लिए सहायता मांगी थी ताकि उन्हें बाहर निकलने से पहले ही रोका जा सके.एन वार्ड एएमसी गजना बेल्लाले ने पुष्टि की कि घाटकोपर स्टेशन मास्टर को एक पत्र भेजा गया था. बेल्लाले ने कहा, "हमने स्टेशन अधिकारियों से अनुरोध किया है कि वे लोकल ट्रेनों से यात्रा करने वाले फेरीवालों पर नज़र रखें. बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में फेरीवालों के खिलाफ़ हमारी कार्रवाई जारी रहेगी." 

अधिकारी ने कहा, "ये फेरीवाले मुख्य रूप से ठाणे के आस-पास के इलाकों से आते हैं. रेलवे प्रशासन उनके टिकट की जाँच कर सकता है और उन्हें घाटकोपर स्टेशन पर रोक सकता है. साथ ही, रेलवे प्रशासन उन्हें रेलवे परिसर में अपने बैज जमा करने के लिए कह सकता है ताकि वे स्टेशन के बाहर ही काम कर सकें." बीएमसी स्टाफ़ रात 9 बजे तक तैनात रहता है. उसके बाद, फेरीवाले वापस लौट जाते हैं, जो कि सबसे ज़्यादा पैदल चलने वालों का समय भी होता है. बीएमसी के एक अधिकारी ने कहा, "हमने स्थानीय पुलिस से रात में फेरीवालों पर नज़र रखने के लिए भी कहा है. स्टेशन परिसर में फेरीवालों को रोकने से हमें अपना कर्तव्य निभाने में मदद मिलेगी." आधिकारिक बयान


सेंट्रल रेलवे के मुख्य प्रवक्ता डॉ स्वप्निल नीला ने कहा, "हमारे लिए, यात्रा करने वाला हर व्यक्ति बस एक यात्री है. हम बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन हम उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकते. साथ ही, हम किसी को भी सामान के साथ यात्रा करने से नहीं रोक सकते." घाटकोपर निवासी कमलेश कपासी ने कहा, "हम फेरीवालों से तंग आ चुके हैं. यह सड़क पर अतिक्रमण की बात नहीं है, बल्कि ये फेरीवाले जगह को गंदा भी करते हैं. ये फेरीवाले ज़्यादातर शहर के बाहर से ट्रेन से आते हैं. रेलवे पुलिस उन्हें नियंत्रित कर सकती है, क्योंकि ज़्यादातर वे बिना लगेज टिकट के यात्रा करते हैं." कपासी के अनुसार, फेरीवाले कई बार अपना सामान रेलवे परिसर में भी रखते हैं, जो अवैध रूप से जगह घेरता है.


सचिन मांजरेकर ने कहा, "बार-बार कार्रवाई के बाद भी फेरीवाले उसी जगह पर वापस आ जाते हैं. सभी एजेंसियों के समन्वय से कार्रवाई होनी चाहिए. पुलिस को भी फेरीवालों के खिलाफ़ कार्रवाई करने की ज़रूरत है." घाटकोपर पश्चिम के कामा लेन निवासी रवि महेता ने कहा, "पिछले कुछ सालों में इन फेरीवालों की संख्या में वृद्धि हुई है. फुटपाथ के बाद, उन्होंने सड़क पर भी अतिक्रमण कर लिया है. इससे पैदल चलने वालों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ता है. हालांकि बीएमसी कार्रवाई कर रही है, लेकिन इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं है."


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