Updated on: 13 November, 2024 01:31 PM IST | Mumbai
Samiullah Khan
जालसाजों ने शुरू में खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का प्रतिनिधि बताया.
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म्हाडा में काम करने वाली एक महिला डिप्टी इंजीनियर साइबर धोखाधड़ी का शिकार हो गई और "फर्जी जांच" के तहत 3 लाख रुपये गंवा दिए. पुलिस सूत्रों के अनुसार, सायन की रहने वाली पीड़िता को शुक्रवार (8 नवंबर) को काम के दौरान एक कॉल आया. जालसाजों ने शुरू में खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का प्रतिनिधि बताया.
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कॉल करने वाले ने 41 वर्षीय महिला को बताया कि उसके आधार विवरण का उपयोग करके एक नया सिम कार्ड जारी किया गया है, जिसका कथित तौर पर देश भर में अश्लील संदेश भेजने के लिए उपयोग किया जा रहा है. उसका नंबर ब्लॉक करने की धमकी देते हुए, जालसाजों ने दावा किया कि कई शिकायतों के आधार पर साइबर अपराध जांच शुरू की गई है और फिर कॉल को एक कथित साइबर अपराध अधिकारी को ट्रांसफर कर दिया. कथित साइबर अधिकारी ने खुद को महाराष्ट्र साइबर पुलिस बैच नंबर (MCB: 32569) बताते हुए, फिर पीड़िता से व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर संपर्क किया और डिजिटल गिरफ्तारी की. उसने उसे जांच के दौरान हिलने-डुलने या किसी अन्य कॉल का जवाब न देने का निर्देश दिया.
इसके बाद कथित अधिकारी ने दावा किया कि वे पूजा म्हात्रे नामक महिला से जुड़े 300 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग मामले पर काम कर रहे थे. उन्होंने पीड़िता को बताया कि उसका बैंक खाता कई साल पहले हुए 26.28 लाख रुपये के लेन-देन से जुड़ा हुआ है. इसके बाद जालसाज ने उसे एक संदिग्ध लिंक भेजा- https://mumbalpolicegovin.ougd.top/app/-और उसे “MSVA 0710” के तहत विवरण दर्ज करने का निर्देश दिया. जानकारी दर्ज करने पर, महिला को यह देखकर झटका लगा कि उसका नाम और फोटो आरोपियों के साथ सूचीबद्ध है, साथ ही अन्य लोगों की तस्वीरें और विवरण भी हैं.
यह दावा करते हुए कि अगर उसने पूरा सहयोग नहीं किया तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा, जालसाजों ने उसके बैंक खाते का विवरण मांगा और उसे “RBI से जुड़े खाते” में धनराशि स्थानांतरित करने का निर्देश दिया, यह वादा करते हुए कि सत्यापन के एक सप्ताह के भीतर उसे उसका पैसा वापस मिल जाएगा. दबाव और गिरफ्तारी के डर से, पीड़िता ने विभिन्न लेन-देन के माध्यम से UPI नंबर पर 3 लाख रुपये स्थानांतरित कर दिए. यह महसूस करते हुए कि उसके साथ धोखाधड़ी की गई है, महिला ने खेरवाड़ी पुलिस स्टेशन का रुख किया और शिकायत दर्ज कराई.
पुलिस अधिकारी ने कहा, "हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 308, 319 (2), 336 (3), 340 (2), 3 (5) और आईटी अधिनियम की धारा 66 (सी) और 66 (डी) के तहत मामला दर्ज किया है. आगे की जांच चल रही है." अधिकारी ने लोगों से साइबर धोखाधड़ी और कथित `डिजिटल गिरफ्तारी` के खिलाफ सतर्क रहने का आग्रह किया. अधिकारी ने कहा, "ऐसी कॉल से बचें, क्योंकि पुलिस वीडियो कॉल के जरिए जांच नहीं करती है." उन्होंने कहा कि संदिग्ध कॉल की सूचना तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करके दी जानी चाहिए.
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