Updated on: 05 March, 2025 01:53 PM IST | Mumbai
Rajendra B. Aklekar
यह कदम महाराष्ट्र के परिवहन को आधुनिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री की 100-दिवसीय कार्य योजना का एक हिस्सा है.
तस्वीर/X
रविवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय, ‘परिवहन भवन’ के शिलान्यास समारोह के दौरान की गई एक ऐतिहासिक घोषणा में, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि 15 अप्रैल तक सभी राज्य सीमा चौकियों को समाप्त कर दिया जाएगा. इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिए गठित एक समिति ने पहले ही महाराष्ट्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी, जिसमें सीमा चौकियों को समाप्त करने की सिफारिश की गई थी. यह कदम महाराष्ट्र के परिवहन क्षेत्र को आधुनिक बनाने के लिए मुख्यमंत्री की 100-दिवसीय कार्य योजना का एक हिस्सा है.
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शनिवार को आरटीओ स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर, महाराष्ट्र और भारत भर में सड़क परिवहन बिरादरी ने महाराष्ट्र में राज्य सीमा चौकियों को समाप्त करने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग को दोहराया था, जो केंद्र सरकार के `एक राष्ट्र, एक बाजार` के दृष्टिकोण के अनुरूप है. अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के पूर्व अध्यक्ष और सलाहकार तथा फेडरेशन ऑफ बॉम्बे मोटर ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर्स (एफबीएमटीओ) के सलाहकार बाल मलकीत सिंह ने मुख्यमंत्री फडणवीस से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर तेजी से कार्रवाई करने की अपील की थी.
सिंह ने कहा, "गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, उत्तराखंड और असम सहित अधिकांश राज्यों ने पहले ही सीमा चौकियों को समाप्त कर दिया है, जिससे माल और यात्रियों की सुगम और तेज आवाजाही सुनिश्चित हो रही है. महाराष्ट्र को अब परिवहन और रसद क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए निर्णायक कार्रवाई करनी चाहिए."
उन्होंने कहा, "वाहन और कर से संबंधित सभी डेटा ऑनलाइन उपलब्ध होने के कारण, भौतिक सीमा चौकियां पुरानी और अनावश्यक हो गई हैं. महाराष्ट्र को निर्बाध परिवहन नेटवर्क सुनिश्चित करने के लिए प्रौद्योगिकी को अपनाना चाहिए और राष्ट्रीय नीतियों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए." सिंह ने कहा कि परिवहन समुदाय सरकार की सकारात्मक कार्रवाई का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि महाराष्ट्र `व्यापार करने में आसानी` और परिवहन दक्षता में अग्रणी हो.
ट्रांसपोर्टरों द्वारा रेखांकित बिंदु
- निर्बाध परिवहन और कम देरी: जीएसटी (माल और सेवा कर), वाहन, सारथी, फास्टैग और ई-वे बिल ने भौतिक चेकपॉइंट को अनावश्यक बना दिया है.
- भ्रष्टाचार और लालफीताशाही पर अंकुश: सीमा चौकियों को खत्म करने से उत्पीड़न और अनुपालन बोझ कम होगा.
- आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता: तेज परिवहन से महाराष्ट्र की स्थिति रसद और व्यापार केंद्र के रूप में बढ़ेगी.
- राजस्व दक्षता: डिजिटल निगरानी से मैन्युअल हस्तक्षेप के बिना कर संग्रह सुनिश्चित होता है.
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