Updated on: 08 September, 2024 12:05 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
लालबाग राजा को प्राप्त दान केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि इसका सामाजिक महत्व भी है.
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हर साल की तरह इस साल भी `लालबाग राजा` के चरणों में अपना माथा टेकने के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी है. `लालबाग राजा` दुनिया भर में प्रसिद्ध है और यहां देश-विदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. विशेष बात यह है कि आम भक्तों के साथ-साथ कई मशहूर हस्तियां और वीवीआईपी लोग भी लालबाग राजा के चरणों में नतमस्तक होने आते हैं. इस साल भी गणेशोत्सव के पहले दिन गणेश भक्तों ने `लालबाग राजा` को विशेष दान अर्पित किया है. इस दान में नकदी, सोने-चांदी के आभूषण और अन्य कीमती वस्तुएं शामिल हैं.
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इस दान की गणना के लिए गणेशोत्सव के आयोजक पूरी सतर्कता बरत रहे हैं ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि दान में प्राप्त धनराशि और आभूषणों का सही उपयोग हो सके. दान की गणना के लिए महाराष्ट्र बैंक और जीएस महानगर बैंक के कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है. इन बैंकों के कर्मचारियों द्वारा सावधानीपूर्वक दान की राशि और आभूषणों की गणना की जा रही है. जैसे ही इस गणना का काम पूरा होता है, इसे गणेश भक्तों की सेवा और सामाजिक गतिविधियों में उपयोग करने की योजना बनाई जाएगी.
लालबाग राजा को प्राप्त दान केवल धार्मिक महत्व नहीं रखता, बल्कि इसका सामाजिक महत्व भी है. गणेशोत्सव के दौरान प्राप्त दान राशि का एक हिस्सा गरीबों की सहायता, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य सामाजिक कार्यों में लगाया जाता है. यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं कि दान का सही तरीके से उपयोग हो और इसका लाभ समाज के उन वर्गों को मिल सके जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है.
लालबाग राजा के आयोजक यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि गणेशोत्सव के दौरान जो भी दान प्राप्त हो, वह पारदर्शी तरीके से गिना जाए और सही कार्यों में लगाया जाए. इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी बैंक कर्मियों के साथ-साथ आयोजन समिति भी कर रही है, ताकि भक्तों के विश्वास को बनाए रखा जा सके. इस प्रकार, गणेशोत्सव के दौरान लालबाग राजा को मिलने वाला दान धार्मिक आस्था के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी प्रतीक है, जो समाज की भलाई के लिए उपयोग किया जाता है.
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