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चार नए कबूतर दाना स्थल घोषित, लेकिन याचिकाकर्ता और स्वयंसेवी संगठन आखिर क्यों है खामोश?

Updated on: 07 November, 2025 08:41 AM IST | Mumbai
Eeshanpriya MS | mailbag@mid-day.com

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा शहर में चार नए नियंत्रित कबूतर दाना स्थल घोषित किए जाने के एक हफ़्ते बाद भी कोई याचिकाकर्ता या स्वयंसेवी संगठन आगे नहीं आया.

File Pic/Atul Kamble

File Pic/Atul Kamble

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा शहर भर में नियंत्रित कबूतर दाना के लिए चार स्थान आवंटित किए जाने के एक हफ़्ते बाद भी, एक भी याचिकाकर्ता या स्वयंसेवी संगठन ने इनके रखरखाव के लिए आगे कदम नहीं बढ़ाया है. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नगर निगम को शहर के 51 मौजूदा कबूतरखानों में कबूतर दाना डालने की अनुमति देनी चाहिए.

पिछले शुक्रवार को, नगर निगम ने वर्ली जलाशय, अंधेरी में लोखंडवाला बैक रोड, ओल्ड ऐरोली-मुलुंड ऑक्ट्रोई नाका और बोरीवली पश्चिम में गोराई मैदान में नियंत्रित दाना डालने की अनुमति दी थी. संगठनों से अनुमति के लिए आवेदन करने और स्थलों के रखरखाव की ज़िम्मेदारी लेने को कहा गया था, लेकिन अभी तक कोई आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है.


याचिकाकर्ताओं की राय



इस प्रतिबंध के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाली याचिकाकर्ताओं में से एक, स्नेहा विसारिया ने कहा, "हम इस बात पर अड़े हुए हैं कि बीएमसी को कम से कम कबूतरखानों में कबूतरों को नियंत्रित मात्रा में दाना खिलाने की अनुमति देनी चाहिए. कबूतरों को दाना खिलाने के लिए हर सुबह पाँच से आठ किलोमीटर की यात्रा करना संभव नहीं है. ये नए स्थान दुर्गम स्थानों पर हैं."

विसारिया ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता अभी भी जनता के सुझाव और आपत्तियाँ एकत्र करने के बाद बीएमसी द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का इंतज़ार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "रिपोर्ट सितंबर में आने की उम्मीद थी, लेकिन इसमें दो महीने की देरी हो गई है. अगली अदालती सुनवाई 11 दिसंबर को है."


इस प्रतिबंध के खिलाफ चार याचिकाएँ हैं, जिनमें से एक पुणे स्थित एक संगठन और दूसरी दादर मंदिर ट्रस्ट द्वारा दायर की गई है. बीएमसी के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए, याचिकाकर्ता हार्दिक हुंडिया ने कहा, "चूँकि मामला अदालत में है, इसलिए हम बीएमसी से संपर्क नहीं करेंगे. अस्थायी व्यवस्था से समस्या का समाधान नहीं होगा."

बीएमसी का बयान

बीएमसी ने पिछले शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि चार निर्दिष्ट स्थलों पर भोजन उपलब्ध कराना बॉम्बे उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति द्वारा अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाने तक एक अंतरिम निर्णय है. प्रेस समय तक बीएमसी के अधिकारी इस अपडेट पर टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे.

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