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धारावी में गणेशोत्सव में चूहों का आतंक, स्थानीय लोगों ने की प्रार्थना

Updated on: 05 September, 2025 07:50 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस समस्या से निपटने के लिए, स्थानीय लोग अपने आराध्य भगवान गणेश की शरण में राहत की गुहार लगा रहे हैं.

प्रतीकात्मक छवि

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मुंबई और राज्य में गणेश उत्सव की धूम मची हुई है, वहीं धारावी के निवासियों को एक अनोखी चिंता का सामना करना पड़ रहा है. उत्सव से पहले भारी बारिश और कई अन्य कारणों से धारावी की घनी आबादी वाली झुग्गियों में चूहों का प्रकोप बढ़ गया है. इस समस्या से निपटने के लिए, स्थानीय लोग अपने आराध्य भगवान गणेश की शरण में राहत की गुहार लगा रहे हैं.

धारावी में चूहों का प्रकोप कोई नई बात नहीं है, लेकिन इस साल भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने समस्या को और बढ़ा दिया है. जलभराव, उत्सव के दौरान मिठाइयों का बह जाना, पंडालों के लिए खोदे गए गड्ढे और फलों-फूलों के बढ़ते उपयोग ने चूहों की समस्या को और गंभीर बना दिया है. स्थानीय निवासी भगवान गणेश से पुनर्विकास में तेजी लाने की भी प्रार्थना कर रहे हैं ताकि इसके मूल कारणों - खराब सफाई व्यवस्था, बदबू, खुली नालियाँ और गड्ढों वाली सड़कें - को दूर किया जा सके. धारावी के खंभदेव नगर स्थित जय बजरंगबली मित्र मंडल ने इस समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए हैं. 


मंडल के एक कार्यकर्ता रोहित परब ने कहा, “इस साल, चूहों की समस्या और भी गंभीर हो गई है. हमने ज़्यादातर सार्वजनिक मंडलों को चूहे पकड़ने वाले डिब्बे दिए हैं और उन्हें मंडपों के चारों ओर रख दिया है. खाने से भरे ये डिब्बे चूहों को फँसा लेते हैं, जिन्हें फिर राजीव गांधी नगर की एक खाड़ी के पास सुरक्षित छोड़ दिया जाता है”. उन्होंने आगे कहा, “चूँकि भगवान गणेश का वाहन चूहा है, इसलिए हमें विश्वास है कि बप्पा हमें इस मुसीबत से बचाएँगे.” धारावी में 90 फ़ीट रोड के पास जनता नगर चाल के निवासी 42 वर्षीय लव चालके, जहाँ हर साल गणेशजी की पूजा की जाती है, ने अपनी पीड़ा व्यक्त की. “हमारी छोटी नालियाँ हमारी गलियों से होकर बहती हैं, और आसपास का इलाका भी साफ़ नहीं है, इसलिए चूहे साल भर एक निरंतर खतरा बने रहते हैं.


गणेश उत्सव के दौरान, मिठाइयों, फलों और फूलों की सजावट की भरमार के कारण, यह समस्या और भी विकट हो गई है. हमें लगातार प्रसाद की रखवाली करनी पड़ती है और दरवाज़ों पर अवरोधक लगाने पड़ते हैं, लेकिन चूहे फिर भी अंदर घुस ही जाते हैं,” उन्होंने दुख जताया. लव ने आशा व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे विश्वास है कि बप्पा इस संकट से हमें उबारेंगे और पुनर्विकास में सहयोग देंगे ताकि हम बिना किसी परेशानी के नए घरों में उनका स्वागत कर सकें."

वार्ड संख्या 188 के पूर्व पार्षद एडवोकेट अहमद शेख ने खराब सफाई व्यवस्था, कूड़ेदानों और जमा पानी को इसका मूल कारण बताया. उन्होंने कहा, "धारावी में चूहे रात में ज़्यादा सक्रिय होते हैं. इस साल त्योहारों के दौरान भारी बारिश ने स्थिति और खराब कर दी है. गणेश चतुर्थी और आगामी ईद के उत्सवी माहौल के बावजूद, अपर्याप्त नगरपालिका सुविधाओं ने चूहों का आतंक बढ़ा दिया है. धारावी का उचित पुनर्विकास बुनियादी सुविधाएँ प्रदान कर सकता है और इस समस्या से राहत दिला सकता है."


मुकुंद नगर स्थित श्री साईंबाबा मित्र मंडल के कोषाध्यक्ष किशोरकुमार आनंद होंकेरी ने कहा, "चाहे घर पर गणेश उत्सव हो या सार्वजनिक, चूहों की समस्या बहुत ज़्यादा होती है. हम बप्पा के प्रसाद और सजावट की सुरक्षा के लिए सतर्क हैं, पंडालों और आसपास के क्षेत्र को यथासंभव साफ़ रखते हैं. दर्शन के लिए आने वाले भक्तों को भी सावधान रहने की ज़रूरत है. हमें पूरा विश्वास है कि हमारे प्रिय बप्पा और उनके मुस्कराग (चूहा, भगवान गणेश का वाहन) हम पर नज़र रख रहे हैं और हमें इस खतरे से बचाएँगे."

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