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शिवसेना-भाजपा में तकरार? गणेश नाईक ने शिंदे के गढ़ में लगाया जनता दरबार

Updated on: 24 February, 2025 04:53 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, नाइक ने कहा कि कोई भी नेता राजनीति में स्थायी प्रभुत्व नहीं रखता है और लोगों द्वारा स्वीकृति ही नेतृत्व का निर्धारण करती है.

फ़ाइल चित्र

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महायुति गठबंधन में तनाव की अटकलों के बीच, वरिष्ठ भाजपा नेता और महाराष्ट्र के वन मंत्री गणेश नाइक ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के राजनीतिक गढ़ ठाणे में जनता दरबार का आयोजन किया. हालांकि, नाइक ने राजनीतिक वर्चस्व के किसी भी दावे को खारिज करते हुए कहा कि राजनीति में नेतृत्व गतिशील होता है और जनता की भावना के आधार पर बदलता है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार इस कार्यक्रम में बोलते हुए, नाइक ने कहा कि कोई भी नेता राजनीति में स्थायी प्रभुत्व नहीं रखता है और लोगों द्वारा स्वीकृति ही नेतृत्व का निर्धारण करती है. 

रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यह भी घोषणा की कि अगला जनता दरबार अगले महीने ठाणे में आयोजित किया जाएगा, जिससे नागरिकों की चिंताओं को दूर करने के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता और मजबूत होगी. पिछले कुछ हफ्तों से, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं. नवीनतम ट्रिगर शुक्रवार को शिंदे की टिप्पणी थी, जहां उन्होंने उन्हें कम आंकने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा, "मुझे हल्के में न लें." हालांकि, पड़ोसी नवी मुंबई से विधायक नाइक ने किसी भी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से इनकार किया और कहा कि जनता दरबार का उद्देश्य केवल जनता की शिकायतों का समाधान करना था.


उन्होंने कहा, "महायुति एक प्रगतिशील गठबंधन के तहत काम करती है, जिसमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार एक साथ काम करते हैं. कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है, न ही राजनीतिक रूप से एक-दूसरे से आगे निकलने का कोई प्रयास है." रिपोर्ट के मुताबिक ठाणे के भाजपा नेता संजय वाघुले ने बताया कि सुबह 8 बजे शुरू हुए जनता दरबार के लिए नागरिकों को 400 से अधिक टोकन वितरित किए गए. नाइक ने दोहराया कि इस तरह की पहल शासन को लोगों के करीब लाने में महत्वपूर्ण है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी कार्यालयों में लंबी दूरी तय न करनी पड़े.


जनता दरबार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के विधायक संजय केलकर और विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) निरंजन दावखरे सहित प्रमुख नेताओं ने भाग लिया. इस कार्यक्रम में महायुति नेताओं द्वारा नागरिकों से जुड़ने और उनके मुद्दों को सीधे संबोधित करने के समन्वित प्रयास को प्रदर्शित किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक पालघर जिले के संरक्षक मंत्री नाइक ने पालघर में इसी तरह के जनता दरबार आयोजित करने की शिवसेना नेता और कैबिनेट सहयोगी प्रताप सरनाइक की पहल का समर्थन किया. उन्होंने ठाणे और पालघर दोनों जिलों में हर तालुका का दौरा करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जनता की चिंताओं को प्रभावी ढंग से संबोधित किया जाए.

गणेश नाइक ने 1990 के दशक में महाराष्ट्र में जनता दरबार की अवधारणा की शुरुआत की, जिससे नागरिकों को प्रशासन से जुड़ने और अपनी शिकायतों को कुशलतापूर्वक हल करने के लिए एक सीधा मंच मिला. उन्होंने ठाणे के संरक्षक मंत्री के रूप में 15 वर्षों तक काम किया और जमीनी स्तर पर शासन में शामिल होने का उनका लंबा इतिहास रहा है.गणेश नाइक, बीजेपी जनता दरबार, ठाणे की राजनीति, महायुति गठबंधन, एकनाथ शिंदे, बीजेपी शिवसेना संबंध, महाराष्ट्र सरकार, देवेंद्र फड़णवीस, अजीत पवार, राजनीतिक नेतृत्व


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