Updated on: 23 February, 2025 03:56 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
शिवसेना (UBT) और शिंदे गुट के बीच खींचतान और तेज हो गई है. शिवसेना (UBT) की नेता सुषमा अंधारे ने पूर्व विधान परिषद उपसभापति नीलम गोरे पर भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितताओं और भाजपा से सांठगांठ के गंभीर आरोप लगाए हैं.
X/Pics, Sushma Andhare
शिवसेना (UBT) और शिवसेना (शिंदे गुट) के बीच खींचतान लगातार जारी है. हाल ही में शिवसेना (UBT) की नेता सुषमा अंधारे ने पूर्व विधान परिषद उपसभापति नीलम गोरे पर तीखा हमला बोला, जिसमें उन्होंने गोरे पर वित्तीय अनियमितताओं, भ्रष्टाचार और भाजपा से सांठगांठ के गंभीर आरोप लगाए. अंधारे के इस हमले से यह साफ है कि शिवसेना का विभाजन सिर्फ संगठनात्मक स्तर पर ही नहीं, बल्कि नेताओं के बीच व्यक्तिगत स्तर पर भी तनाव बढ़ा रहा है.
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सुषमा अंधारे ने नीलम गोरे के साहित्यिक योगदान पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका नाम सुनते ही कोई भी महत्वपूर्ण लेखन, उपन्यास या आंदोलन याद नहीं आता. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि गोरे सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए साहित्य सम्मेलन में शामिल हुईं.
इसके अलावा, अंधारे ने यह दावा किया कि जब गोरे पार्टी में थीं, तब वित्तीय लेन-देन हो रहा था. उन्होंने कहा कि यदि ऐसा था, तो चुनाव टिकटों, पदों और नियुक्तियों में भी गोरे की भूमिका रही होगी. उन्होंने कटाक्ष किया, "अगर पार्टी में रहते हुए आर्थिक लेन-देन हुआ, तो वह पैसा कहां गया?"
अंधारे ने यह भी आरोप लगाया कि नीलम गोरे ने पुणे में नगर निगम और जिला परिषद चुनावों के दौरान भाजपा से सांठगांठ की. उन्होंने कहा कि गोरे ने शिवसेना को "बापट सेना" में बदलने की कोशिश की और पार्टी के वफादार शिवसैनिकों को संगठन से दूर रखा.
यह आरोप ऐसे समय में आया है जब शिवसेना (UBT) लगातार शिंदे गुट को "भाजपा की कठपुतली" बताने में लगी हुई है. अंधारे के इस बयान से यह साफ है कि शिवसेना (UBT) न केवल एकनाथ शिंदे, बल्कि उन नेताओं को भी निशाना बना रही है जो भाजपा के करीबी माने जाते हैं.
सुषमा अंधारे ने नीलम गोरे की महंगी जीवनशैली को लेकर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि कभी पीएमटी बस से सफर करने वाली गोरे के पास अब महंगी गाड़ियां, गहने और लग्जरी सामान कैसे आया?
सुषमा अंधारे का यह बयान शिवसेना (UBT) और शिंदे गुट के बीच जारी सत्ता संघर्ष को और तेज कर सकता है. भाजपा और शिंदे गुट के नेताओं की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, वहीं नीलम गोरे की ओर से भी कोई जवाब नहीं मिला है.
हालांकि, यह साफ है कि शिवसेना (UBT) अब शिंदे गुट के हर नेता पर हमले तेज कर रही है, जिससे यह टकराव और गहराने की संभावना है.
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