होम > मुंबई > मुंबई न्यूज़ > आर्टिकल > शिंदे सरकार के MMRDA टेंडर पर सुप्रीम कोर्ट की चोट, आदित्य ठाकरे ने कहा ‘घोटाला साफ है’

शिंदे सरकार के MMRDA टेंडर पर सुप्रीम कोर्ट की चोट, आदित्य ठाकरे ने कहा ‘घोटाला साफ है’

Updated on: 01 June, 2025 09:30 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar | ujwala.dharpawar@mid-day.com

शिवसेना (UBT) नेता आदित्य ठाकरे ने शिंदे सरकार पर ₹14,000 करोड़ के घोड़बंदर-भायंदर एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

X/Pics, Aaditya Thackeray

X/Pics, Aaditya Thackeray

की हाइलाइट्स

  1. आदित्य ठाकरे ने ₹14,000 करोड़ के टेंडर में घोटाले का आरोप लगाया
  2. सुप्रीम कोर्ट ने टेंडर प्रक्रिया को गलत मानते हुए रद्द किया
  3. ठाकरे ने शिंदे सरकार से जवाबदेही और जांच की मांग की

मुंबई: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता और विधायक आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) ने शनिवार को एक बड़े घोटाले का खुलासा करते हुए आरोप लगाया कि शिंदे सरकार के कार्यकाल में 14,000 करोड़ रुपये की घोड़बंदर-भायंदर एलिवेटेड रोड और डबल टनल परियोजना में भारी भ्रष्टाचार हुआ है. ठाकरे ने दावा किया कि इस परियोजना के टेंडर में अनियमितताएं और प्रक्रियात्मक गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान में लेते हुए टेंडर को रद्द कर दिया है.

 



 


अपने आधिकारिक X (पूर्व ट्विटर) अकाउंट से ठाकरे ने लिखा, “भ्रष्टनाथ एकनाथ शिंदे के MMRDA विभाग को सुप्रीम कोर्ट की सख्ती के चलते एक टेंडर रद्द करना पड़ा. कोर्ट ने माना कि टेंडर प्रक्रिया में भारी धांधली हुई थी.” उन्होंने यह भी बताया कि इस टेंडर को लेकर उन्होंने 3 अक्टूबर 2024 को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में अनियमितताओं का खुलासा किया था.

आदित्य ठाकरे ने सवाल उठाया कि ₹14,000 करोड़ के इतने बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए मात्र 20 दिन का समय क्यों दिया गया? “मेरे खुलासे के बाद MMRDA ने समय सीमा को 20 से बढ़ाकर 60 दिन किया, लेकिन तब तक काफी नुकसान हो चुका था,” ठाकरे ने लिखा.

उन्होंने यह भी उजागर किया कि एक कैरेबियन बैंक की बैंक गारंटी को स्वीकार किया गया, जो भारतीय रिज़र्व बैंक की स्वीकृत सूची में शामिल नहीं है. टेंडर में दो प्रतिस्पर्धी कंपनियों के बीच ₹3,100 करोड़ का फर्क था, फिर भी उच्चतम बोली लगाने वाली कंपनी को टेंडर सौंपा गया.

ठाकरे ने सीधा आरोप लगाते हुए पूछा कि क्या इस भ्रष्टाचार के लिए ज़िम्मेदार तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (अब उपमुख्यमंत्री) इस्तीफा देंगे? उन्होंने मुख्यमंत्री से भी पूछा कि क्या वह एक "नैतिक और वित्तीय रूप से भ्रष्ट" व्यक्ति के साथ सरकार चलाते रहेंगे?

अब जब सुप्रीम कोर्ट ने टेंडर रद्द कर दिया है, तो विपक्ष इस मामले की गहन जांच और ज़िम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग कर रहा है.

अन्य आर्टिकल

फोटो गेलरी

रिलेटेड वीडियो

This website uses cookie or similar technologies, to enhance your browsing experience and provide personalised recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy. OK