Updated on: 28 January, 2025 10:49 AM IST | mumbai
Sameer Surve
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने व्यावसायिक झुग्गियों से संपत्ति कर वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. शहर भर में 3,500 व्यावसायिक झुग्गियों की पहचान कर गुमास्ता लाइसेंस धारकों का डेटा जुटाया गया है.
Pic/Sayyed Sameer Abedi
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), जिसने व्यावसायिक झुग्गियों का सर्वेक्षण शुरू कर दिया है, उन झुग्गियों की मंजिलों से संपत्ति कर वसूलने पर विचार कर रहा है, जहाँ व्यावसायिक गतिविधियाँ की जा रही हैं. नगर निकाय आगामी वित्तीय वर्ष में व्यावसायिक झुग्गियों पर संपत्ति कर लगाना शुरू कर देगा.
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बीएमसी ने गुमास्ता लाइसेंस (दुकान और प्रतिष्ठान) धारकों के डेटा का भी विश्लेषण किया है. नाम न बताने की शर्त पर बीएमसी के मूल्यांकन और संग्रह विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "अब तक नगर निकाय को पता चला है कि शहर भर में 3500 व्यावसायिक झुग्गियाँ हैं. संपत्ति कर बिल भेजने की प्रक्रिया शुरू हो गई है."
अधिकारी ने कहा, "हम झुग्गियों की हर मंजिल से संपत्ति कर वसूलने के बारे में भी सोच रहे हैं, जिसका उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है. हमें इस प्रस्ताव के विवरण को स्पष्ट करने की आवश्यकता है."
10 जनवरी को मिड-डे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नगर निगम इस बात पर विचार कर रहा है कि व्यावसायिक झुग्गियों पर संपत्ति कर लगाया जाए या नहीं. अब नगर निगम इस प्रस्ताव को अगले स्तर पर ले जा रहा है. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, शहर में करीब 16 लाख झुग्गी-झोपड़ियाँ हैं. इनमें से कुछ का पुनर्विकास झुग्गी पुनर्विकास कार्यक्रम के तहत किया जा सकता है. 2006-07 तक, बीएमसी आवासीय झुग्गी-झोपड़ियों से 100 रुपये और व्यावसायिक झुग्गी-झोपड़ियों से 250 रुपये का वार्षिक सेवा शुल्क वसूलती थी. 2016 में, नगर निगम ने झुग्गियों के क्षेत्र और प्रकार के आधार पर सालाना 2,400 रुपये से 18,000 रुपये तक कर वसूलने का फैसला किया. तत्कालीन बीएमसी प्रमुख अजय मेहता ने भी बीएमसी बजट में प्रस्ताव रखा था कि झुग्गी-झोपड़ियों की संपत्तियों पर कर लगाया जाए. लेकिन 2018 में, बीएमसी ने 500 वर्ग फीट क्षेत्र तक के आवासीय संपत्ति के लिए संपत्ति कर समाप्त कर दिया. उसके बाद, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों से संपत्ति कर वसूलने के फैसले को रोक दिया गया. बीएमसी का अब अनुमान है कि व्यावसायिक झुग्गियों पर संपत्ति कर लगाने से करीब 200 करोड़ रुपये कमाए जा सकते हैं.
मलाड के कुरार गांव में डेयरी की दुकान चलाने वाले राजेश राय ने कहा, "हमें संपत्ति कर चुकाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन बीएमसी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हम अपनी दुकानें झुग्गियों में चला रहे हैं, न कि व्यावसायिक इमारतों में."
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