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`संविदा भर्ती बंद करने की घोषणा महज दिखावा...` सुरेशचंद्र राजहंस ने लगाए आरोप

Updated on: 17 July, 2024 09:21 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

`महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार की संविदा भर्ती बंद करने की घोषणा सिर्फ लॉलीपॉप देखने जैसा है.`

X/Pics

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लोकसभा चुनाव 2024 में बड़ी जीत हासिल करने के बाद महा विकास अघाड़ी (MVA) आगामी विधानसभा चुनाव के लिए भी काफी उत्साहित है. महा विकास अघाड़ी ने आगामी चुनाव के लिए कमर कस ली है. ऐसे में कांग्रेस प्रवक्ता सुरेशचंद्र राजहंस ने शिंदे और बीजेपी नेतृत्व वाले एनडीए पर आरोप लगाए हैं. संविदा भर्ती बंद से जुड़े सवाल को उजागर करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि `राज्य में बेरोजगारी की स्थिति विकट है और सरकार ने लंबे समय से नियुक्तियां नहीं की हैं. राज्य में 2.5 लाख सरकारी पद खाली हैं लेकिन उन्हें भरा नहीं जा रहा है. महागठबंधन सरकार ने संविदा कर्मियों की भर्ती शुरू की थी, परंतु छात्रों समेत हर स्तर पर भारी विरोध के कारण इस फैसले को रद्द कर दिया गया था. संविदा भर्ती रद्द करने के फैसले को 8 महीने हो चुके हैं, लेकिन अब फिर से संविदा भर्ती शुरू हो गई है.`

उन्होंने कहा, `महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार की संविदा भर्ती बंद करने की घोषणा सिर्फ लॉलीपॉप देखने जैसा है. सरकार ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में कुशल जनशक्ति सहित आउटसोर्सिंग के माध्यम से 6830 पदों को भरने की मंजूरी दे दी है.` सुरेशचंद्र राजहंस ने आगे बताया कि `महायुति सरकार ने इससे पहले तहसीलदारों के पदों को भी अनुबंध के आधार पर भरने के लिए विज्ञापन जारी किया था. राज्य सरकार ने जनशक्ति आपूर्ति के लिए 9 कंपनियों को नियुक्त किया था, जिन्हें चिकित्सा विभाग में इन 6830 पदों को भरने की अनुमति दी गई थी. इनमें से कुछ कंपनियां सरकार की सहायक हैं और उन्हीं के लिए यह घोटाला बिछाया जा रहा है.`


उन्होंने कहा कि `उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अक्टूबर 2023 में एक सरकारी आदेश जारी कर संविदा भर्ती के मुद्दे पर महाविकास अघाड़ी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए संविदा भर्ती रोकने की घोषणा की थी, लेकिन एक बार फिर संविदा भर्ती का भूत युवाओं के कंधों पर सवार हो गया है.`


सुरेशचंद्र राजहंस ने बताया कि मानसून सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि उन्होंने 1 लाख पदों पर भर्ती निकाली है, लेकिन ऐसा लगता है कि यह दावा फर्जी है. संविदा भर्ती का हर स्तर पर पुरजोर विरोध हो रहा है और अगर सरकार इस संविदा भर्ती को रद्द नहीं करती है, तो आगामी विधानसभा चुनाव में युवाओं के साथ जनता भाजपा के नेतृत्व वाली शिंदे सरकार को सबक सिखाया जाएगा.` 


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