Updated on: 28 October, 2025 07:28 PM IST | Mumbai
Ritika Gondhalekar
कांदिवली के लोखंडवाला इलाके में स्थित प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट यूके इरिडियम के निवासियों ने बिल्डर की लापरवाही और कुप्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
Pic/Ashish Raje
कांदिवली के लोखंडवाला इलाके में स्थित प्रीमियम हाउसिंग कॉम्प्लेक्स, यूके इरिडियम के निवासियों ने अपने डेवलपर पर उपेक्षा और कुप्रबंधन का आरोप लगाया है. उनका दावा है कि वे बुनियादी सुविधाओं के लिए लाखों रुपये का रखरखाव शुल्क दे रहे हैं, जो बमुश्किल काम करती हैं. शिकायतों में दूषित पानी, बंद पड़े सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी), सुरक्षा की कमी और अपर्याप्त हाउसकीपिंग शामिल हैं.
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महीनों तक वादाखिलाफी के बाद निराश निवासियों ने अब समता नगर पुलिस स्टेशन में डेवलपर के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत की एक प्रति मिड-डे के पास है. निवासी समीर नाइक ने कहा, "हम बिना किसी काम के पैसे दे रहे हैं."
निवासियों का दावा है कि उन्होंने अक्टूबर 2024 से अक्टूबर 2025 तक के लिए 1BHK के लिए 3.17 लाख रुपये और 2BHK के लिए 3.54 लाख रुपये का रखरखाव शुल्क चुकाया है. फिर भी, उनका कहना है कि पानी की व्यवस्था बमुश्किल काम करती है. “चार पानी की टंकियों में से सिर्फ़ एक ही काम कर रही है. हमें दिन में सिर्फ़ 10-15 मिनट ही पानी मिलता है, जो बुनियादी ज़रूरतों के लिए भी काफ़ी नहीं है,” निवासी शलाका कुलकर्णी ने कहा.
निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि सीवेज का पानी उस पानी की टंकी में घुस रहा है, जिसमें पीने, नहाने और रसोई जैसे घरेलू कामों के लिए पानी होता है. एक अन्य निवासी रमेश लाड ने कहा, “हर किसी के घर में फ़िल्टर होता है. लेकिन हमारे फ़िल्टर कब तक इतने सक्षम रहेंगे कि लगातार इस तरह के नाले के पानी को फ़िल्टर करते रहें, वो भी उस स्तर तक जहाँ हम उसे पी सकें.”
अग्नि सुरक्षा उल्लंघन
निवासियों का यह भी आरोप है कि इमारत के अग्नि सुरक्षा मानदंडों की अनदेखी की गई है. एक अन्य निवासी विशाल कपूर ने कहा, “अग्निशमन वाहिनी सीमेंट की बोरियों और मलबे से भरी हुई है. आपात स्थिति में बचाव के लिए बनी सीढ़ियाँ बंद हैं. अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन पूरा नहीं किया गया है.”
‘ज़बरदस्ती कब्ज़ा’
निवासियों के अनुसार, बिल्डर ने कथित तौर पर RERA एक्सटेंशन की अवधि समाप्त होने के बाद उन्हें कब्ज़ा लेने के लिए उकसाया. नाइक ने कहा, "अक्टूबर 2023 से जुलाई 2024 के बीच ज़बरदस्ती कब्ज़ा किया गया, लेकिन उन्होंने अक्टूबर 2024 से 2025 तक पूरे साल का रखरखाव शुल्क लिया." "अब वह एक और साल का भुगतान मांग रहे हैं और हाउसकीपिंग सेवाएँ बंद करने की धमकी दे रहे हैं, जो वैसे भी कचरा उठाने वाला सिर्फ़ एक व्यक्ति है."
अन्य विंगों में चल रहे निर्माण कार्यों ने हालात और खराब कर दिए हैं. एक अन्य निवासी ने कहा, "मच्छरों का प्रजनन हो रहा है और हर जगह पानी जमा है. बीएमसी की ओर से दो बार छिड़काव किया गया है, लेकिन रोज़ाना सफ़ाई नहीं होती. यह हमारा सपनों का घर होना चाहिए था, अब यह रोज़मर्रा की ज़िंदगी की लड़ाई बन गया है."
सुविधाएँ सिर्फ़ कागज़ों पर
निवासियों का कहना है कि रखरखाव में स्विमिंग पूल, जिम शुल्क, पार्किंग और बगीचे जैसी सुविधाओं का खर्च शामिल था, लेकिन बिल्डर ने अभी तक इनमें से कुछ भी प्रदान नहीं किया है. "हमने बिल्डर की बात पर भरोसा करके घर पर कब्ज़ा कर लिया. हमने सोचा कि चूँकि आंशिक ओसी मिल गया है, इसलिए पूरी ओसी कोई समस्या नहीं होगी. इसलिए हमने एडवांस मेंटेनेंस के लिए पैसे दिए. हमने बिल्डर से कई बार शिकायत भी की. लेकिन सब बेकार गया. बाहरी आलीशान सुविधाओं की तो बात ही छोड़िए. हमें बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है. हमें समझ नहीं आता कि हम होम लोन क्यों लेते हैं और अपनी सारी मेहनत की कमाई ऐसे प्रोजेक्ट में क्यों लगाते हैं," लाड ने कहा.
पुलिस में शिकायत दर्ज
बिल्डर से बार-बार की गई अपीलें नाकाम होने पर, निवासियों ने सामूहिक रूप से समता नगर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें दूषित पानी, बंद पड़े एसटीपी, अधूरी सुविधाओं, रखरखाव की कमी और अनाधिकृत शुल्क वसूली का हवाला दिया गया. नाइक ने कहा, "हमारे पास कोई विकल्प नहीं बचा था. यह सिर्फ़ टूटे वादों का मामला नहीं है - यह लापरवाही है जिससे सैकड़ों परिवार प्रभावित हो रहे हैं."
बिल्डर का जवाब
सभी आरोपों का खंडन करते हुए, संबंधित डेवलपर दामोदर सुरुचि ने मिड-डे को बताया, "सभी आरोप झूठे हैं. मैंने एक साल के लिए एडवांस मेंटेनेंस लिया था, और वह खत्म हो गया है. निवासी अपने आंतरिक विवादों के कारण सोसाइटी को अपने नियंत्रण में लेने को तैयार नहीं हैं. अगर वे चाहते हैं कि मैं आगे बिल्डिंग का रखरखाव करूँ, तो उन्हें निश्चित रूप से मेंटेनेंस शुल्क देना होगा. दरअसल, कल जब उन्होंने मेरी गाड़ियाँ रोकीं और सेल्स ऑफिस में घुस आए, तो मैंने निवासियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. मैंने पिछले साल में सभी बुनियादी सुविधाएँ दी थीं, जिनका मैंने मेंटेनेंस लिया था. एसटीपी काम कर रहे थे. पिछले तीन-चार दिनों से पानी के पंप काम नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से एसटीपी बंद हैं. मैं लगातार उनसे संपर्क कर रहा हूँ और उन्हें बता रहा हूँ कि पंपों की मरम्मत के लिए निवासियों को पैसे देने होंगे. यहाँ तक कि अग्नि सुरक्षा से जुड़े आरोप भी झूठे हैं, और जिन दो विंगों में पज़ेशन दिया गया है, वहाँ एक साल से ज़्यादा समय से पूरी तरह से ओसी (ओवरसीज़) है."
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