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मंत्रालय में घुसकर महिला ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में मचाया हंगामा, सुरक्षा चूक से उठे सवाल

Updated on: 27 September, 2024 02:13 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

यह घटना तब हुई जब मंत्रालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं, जहां केवल सत्यापित व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है.

इस घटना से एक दिन पहले, एक सामाजिक-राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया था.

इस घटना से एक दिन पहले, एक सामाजिक-राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया था.

27 सितंबर को महाराष्ट्र के मंत्रालय में एक अज्ञात महिला द्वारा उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय में की गई तोड़फोड़ ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें महिला को फडणवीस के कार्यालय के बाहर लगी नेमप्लेट को तोड़ते हुए देखा जा सकता है. हरे रंग की शर्ट पहने इस महिला ने नेमप्लेट को कई बार उठाकर फर्श पर पटक दिया और फिर वहां से चली गई.

यह घटना तब हुई जब मंत्रालय में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं, जहां केवल सत्यापित व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति दी जाती है. आगंतुकों को पहचान पत्र जमा करने और डेटाबेस में पंजीकरण कराने की आवश्यकता होती है. इसके बावजूद, यह महिला बिना किसी आधिकारिक प्रवेश पास के मंत्रालय में दाखिल हो गई, जिससे सुरक्षा व्यवस्था की खामियां उजागर हो गईं. बताया गया है कि महिला अधिकारी के प्रवेश द्वार से मंत्रालय में आई थी, जहाँ आधिकारिक प्रवेश पास की आवश्यकता नहीं होती.


पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर महिला की पहचान करने और उसके मंत्रालय तक पहुंचने के कारणों की जांच शुरू कर दी है. महिला ने तोड़फोड़ के दौरान नारेबाजी भी की, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि उसके इस कृत्य के पीछे कोई सामाजिक या राजनीतिक कारण हो सकता है. हालांकि, अभी तक इस मामले में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है कि महिला ने यह कदम क्यों उठाया.



इस घटना से एक दिन पहले, एक सामाजिक-राजनीतिक संगठन के कार्यकर्ताओं ने आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल में घुसकर विरोध प्रदर्शन किया था. मुख्यमंत्री द्वारा उनकी मांगों के समाधान का आश्वासन देने से पहले वे काफी देर तक प्रदर्शन करते रहे. इन दोनों घटनाओं ने मंत्रालय की सुरक्षा व्यवस्थाओं की सख्ती पर सवाल खड़े कर दिए हैं, विशेषकर तब, जब मंत्रालय राज्य के प्रमुख अधिकारियों और महत्वपूर्ण नीतिगत निर्णयों का केंद्र है.

पुलिस अब महिला की पहचान कर उसके उद्देश्यों को जानने की कोशिश कर रही है. यह घटना मंत्रालय के उच्च सुरक्षा मानकों के बावजूद संभावित खतरों की ओर संकेत करती है और भविष्य में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की आवश्यकता पर बल देती है.

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