अंतिम संस्कार में डिप्टी सीएम अजित पवार, केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले, छगन भुजबल, और प्रफुल पटेल जैसी प्रमुख हस्तियां भी बाबा सिद्दीकी को विदाई देने के लिए उपस्थित थे.
सिद्दीकी की शनिवार रात करीब 9.30 बजे बांद्रा में तीन गोलियां मारकर हत्या कर दी गई थी.
उनकी हत्या ने पूरे राज्य में खलबली मचा दी. सिद्दीकी की हत्या की खबर मिलते ही राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ गई.
सिद्दीकी एक अनुभवी नेता थे और उन्हें बांद्रा क्षेत्र में बहुत सम्मानित माना जाता था. उनकी हत्या से पूरे राजनीतिक गलियारे में आक्रोश फैल गया है.
मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.
बताया जा रहा है कि हत्या में शामिल कुल छह आरोपी थे, जिनमें से तीन अभी भी फरार हैं.
फरार आरोपियों की तलाश के लिए पुलिस की टीमें जुटी हुई हैं और उनके ठिकानों पर छापेमारी की जा रही है.
पुलिस इस मामले की जांच कई एंगल से कर रही है, ताकि हत्या के पीछे के कारणों और षड्यंत्र का खुलासा हो सके.
बाबा सिद्दीकी की हत्या से महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं.
उनकी हत्या को लेकर कई नेताओं ने प्रशासन की कड़ी आलोचना की है. साथ ही, लोगों ने मुंबई जैसे बड़े शहर में ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग की है.
बाबा सिद्दीकी के निधन से राजनीतिक जगत में एक बड़ा शून्य पैदा हुआ है, जिसे भर पाना मुश्किल होगा. उनके समर्थकों और परिवार के लिए यह समय बेहद कठिन है.