इस प्रदर्शन के दौरान प्रवीण दरेकर ने अपने मुंह पर काली पट्टी बांधकर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने विरोध प्रकट किया.
दरअसल, 10 सितंबर को अमेरिका के दौरे के दौरान जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक चर्चा के दौरान राहुल गांधी से आरक्षण पर सवाल पूछा गया था. इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "जब भारत में आरक्षण के संदर्भ में निष्पक्षता होगी, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में विचार करेंगे. फिलहाल, भारत इसके लिए एक निष्पक्ष स्थान नहीं है."
राहुल गांधी का यह बयान भारत में राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है और खासतौर से भाजपा ने इस बयान को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
प्रवीण दरेकर ने इस बयान को आंबेडकर के सिद्धांतों और समाज के कमजोर वर्गों के खिलाफ बताया है.
उनका कहना है कि आरक्षण सामाजिक न्याय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसे खत्म करने की बात करना संवैधानिक अधिकारों पर हमला है. उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बयान दलितों और पिछड़े वर्गों की आकांक्षाओं का अपमान है.
विरोध प्रदर्शन के दौरान दरेकर और उनके समर्थकों ने राहुल गांधी से माफी की मांग की और कहा कि यह बयान पूरी तरह से अस्वीकार्य है.
भाजपा नेताओं का कहना है कि आरक्षण एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर इस तरह के बयान देकर कांग्रेस नेता ने दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. राहुल गांधी के इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है, और भाजपा इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर लगातार हमलावर है.
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