यह ब्रिज 145 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा है और यह आधुनिक युग के उन्नत बुनियादी ढांचे का प्रतीक है. (Story by: Rajendra Aklekar, Photos: Shadab Khan)
कुल 385 मीटर लंबाई वाले इस ब्रिज में दो रैंप और छह लेन बनाए गए हैं. इसके केबल-स्टेड स्पैन में छह जोड़ी केबल लगाए गए हैं. ब्रिज का डिज़ाइन बांद्रा-वर्ली सीलिंक के जैसा है, जिससे यह आधुनिक तकनीक और मजबूती का उदाहरण बनता है.
मुंबई और उपनगरीय क्षेत्रों के पुराने ब्रिटिश-कालीन रोड ओवर ब्रिज को नए सिरे से बनाने के लिए बीएमसी ने महाराष्ट्र रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमआरआईडीसी) या महा रेल को जिम्मेदारी सौंपी है.
यह नया ब्रिज रे रोड स्टेशन के पास से गुजरेगा, जो एक ऐतिहासिक स्टेशन है, और यह भायखला ईस्ट क्षेत्र को माहुल रोड और ईस्टर्न फ्रीवे से जोड़ेगा, जबकि हार्बर लाइन को भी क्रॉस करेगा. इससे इलाके के यातायात और कनेक्टिविटी में सुधार होगा.
निर्माण के अंतिम चरण में, महा रेल ने इस पुल पर आर्किटेक्चरल एलईडी लाइटिंग और ब्रिज हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित करने की योजना बनाई है. यह न सिर्फ ब्रिज की सुंदरता को बढ़ाएगा, बल्कि उसकी सुरक्षा और निगरानी को भी मजबूत करेगा.
ब्रिज के लिए स्थान बनाने के लिए बीएमसी, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और सेंट्रल रेलवे की सहायता से 130 झोपड़ियाँ, 15 शेड और एक रेलवे टिकट काउंटर को स्थानांतरित करना पड़ा.
इस नए रे रोड केबल-स्टेड ब्रिज का निर्माण मुंबई के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और यातायात की धाराओं को सुचारू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
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