बॉडी बिल्डर और फिटनेस प्रजेंटर जानवी पांडव. (इंस्टाग्राम/@janvipandav_ifbbpro)
बॉडी बिल्डिंग में अपना नाम बनाने का सफर इतना आसान नहीं होता है. जानवी बताती हैं कि जब उन्होंने 10वीं की परीक्षा पास की तो इसके बाद उनके घर में आर्थिक रूप से कई परेशानियां आईं. जानवी की मां हाउस वाइफ थीं. उनके पिता की तबियत नहीं ठीक रहती थी. ऐसे में अपने छोटे भाई के साथ वह भी कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की कोशिश करती थीं. अपने सेल्स के काम के दौरान उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पडा था. इस परेशानियों से गुजरते हुए आज जिस स्टेज पर वो परफॉर्म करने उतरती थीं, उसी स्टेज के लिए जज बनने का सफर तय कर चुकी हैं. जानवी इस फील्ड में रहने के साथ ही अपने बेटे और परिवार की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही हैं.
उनका कहना है कि सेल्स के काम के दौरान लोग गलत नज़रों से देखते थे. इसको लेकर जानवी का मानना है कि 15 साल की उम्र से ऐसी परेशानियों से गुजरना ही आज उनको उनके करियर में बढ़ने में मदद करता है. उनको लोगों के व्यवहार के कारण जो परेशानियां हुईं, इससे आज वह बॉडी बिल्डिंग जैसे काम में किसी तरह के गलत व्यवहार या कमेंट का सामना नहीं करना पड़ता. ऐसे व्यवहार के कारण आज वो आत्मविश्वास और बोल्डनेस के साथ किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहती हैं. महिलाओं के लिए ये फील्ड इतना आसान नहीं होता है. इससे शरीर को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
आपको बता दें कि बॉडी बिल्डिंग में जानवी पांड्व बिकनी कॉम्पटीटर नहीं हैं. वह फिटनेस कॉम्पटीटर के रूप में काम करती रही हैं. इस कॉम्पटीशन में अपने मसल्स दिखाने के लिए बिकनी पहननी पड़ती थी. वह सहज महसूस नहीं करती थीं तो नहीं पहनती थीं. जानवी ने बताया कि बिकनी कॉस्ट्यूम न पहनने से भी उनके नंबर कम होते थे. उनका मानना है कि हमें अपने आप को लोगों के सामने कैसे प्रजेंट करना है ये हमें पता होना चाहिए और हमेशा अपने आत्मविश्वास के साथ काम करना चाहिए.
जानवी का इस इंडस्ट्री में शुरु से ही कोई बैकग्राउंड सपोर्ट नहीं रहा है. इस इंडस्ट्री में आने की प्रेरणा उन्हें ऐसे ही किसी शो को देखने के दौरान मिली थी. वह चाहती थीं कि वह भी एक फिटनेस कॉम्पटीटर बनें. जानवी का मानना है कि पहले इस तरह के कपड़े पहनना और इस फील्ड में काम करना बहुत अजीब माना जाता था. उनका मानना है कि अगर आप जो काम करते हैं उसमें आपका खुश और सकारात्मक रहना ज़रूरी होता है न कि दुनिया का. आप जो काम करते हैं अगर उसे आत्मविश्वास के साथ करते हैं तो लोग क्या कहते हैं या क्या कमेंट करते हैं इसका खास असर नहीं होता है.
जानवी ने बताया कि महिलाओं के लिए ऐसी फील्ड में उतरना आसान नहीं होता है. महिलाओं को इस दौरान शरीर में अनचाहे बदलाव, चेहरे में बदलाव और कई तरह के हॉर्मोनल चेंजेस से गुजरना पड़ता है. ऐसे में ट्रेनिंग के लिए एक अच्छे कोच की भी जरूरत होती है. शरीर में कई तरह की परेशानियां सॉल्ट और वॉटर कंट्रोल (एक निश्चित मात्रा) पर भी कई दिनों तक रहना पड़ता है. ऐसे में शरीर को कई तरह की तकलीफें भी झेलना पड़ती हैं.
जानवी ने पूरे भारत में इस तरह के कई कॉम्पटीशन में प्रतिभाग लिया, इसके साथ ही वह प्रो कार्ड विनर भी रहीं. हाल ही में मिस्टर एंड मिसेज एशिया चैंपियनशिप में वह नवकार स्पोर्ट्स फेस्टिवल की ओर जज भी रहीं. इसमें उनके साथ फिटनेस की दुनिया के बड़े नाम प्रसाद कुमार भी मौजूद रहे. आज भी वह अपने फिटनेस को लेकर भी काफी सजग रहती हैं.
लॉकडाउन लगने से पहले जानवी प्रो कॉर्ड विनर हो चुकी थीं, उन्हें विदेश में परफॉर्म करना था जिसके बाद लॉकडाउन लग गया. इसके कारण रफ्तार थम गई. हालांकि वह रुक नहीं और उन्होंने ऑनलाइन और ऑफलाइन न्यूट्रीशियन और फिटनेस के लिए ट्रेनिंग देना भी शुरू किया. इसमें स्कूल, कॉलेज के बच्चों के साथ हाउस वाइफ्स भी शामिल हैं. साथ ही फिटनेस की दुनिया में आने में दिलचस्पी रखने वाली लेडीज भी उनसे ट्रेनिंग लेती हैं.
आपको बता दें कि जानवी को बेस्ट जज कैटेगरी में स्वाभिमान अवॉर्ड, स्वराज्य भूषण अवॉर्ड, नारी रत्न अवॉर्ड जैसे कई पुरस्कार मिल चुके हैं. उनका मानना है कि अभी भी वह रुकेंगी नहीं ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
ADVERTISEMENT