श्रद्धालु और पर्यटक इन स्टॉलों से मोमबत्तियाँ खरीदते हैं और उन्हें चर्च परिसर में जलाकर अपनी प्रार्थना करते हैं. (Pics: Atul Kamble)
यह दृश्य भक्तिभाव और श्रद्धा से परिपूर्ण होता है, जो पूरे मेले में एक आध्यात्मिक और भव्य माहौल बनाता है.
मोमबत्ती स्टॉलों के अलावा, मेले में खाद्य और सांस्कृतिक स्टॉलों की विविधता भी देखने को मिलती है.
स्थानीय लोग अपने पारंपरिक व्यंजन पेश करते हैं, जिसमें पूर्वी भारत और कोली समुदाय के खास व्यंजन शामिल हैं.
इसके अतिरिक्त, मेले में हस्तशिल्प, खिलौने, मिठाइयाँ और अन्य मनोरंजन स्टॉल भी व्यवस्थित किए गए हैं, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते हैं.
यह आयोजन धार्मिक उत्सव के साथ-साथ सांस्कृतिक अनुभव का भी अवसर प्रदान करता है और शहर की बहुलतापूर्ण संस्कृति को जीवंत रूप में प्रदर्शित करता है.
मेला परिसर में हर स्टॉल पर रंग-बिरंगी सजावट और रोशनी की विशेष व्यवस्था की गई है.
शाम के समय जब मोमबत्तियों की रोशनी जलती है और स्टॉलों की चमक चारों ओर फैलती है, तब पूरा क्षेत्र उत्सव की जीवंतता और भक्ति के माहौल से भर जाता है.
यह दृश्य न केवल श्रद्धालुओं के लिए बल्कि पर्यटकों के लिए भी आकर्षक और यादगार अनुभव बनता है.
माउंट मैरी फेयर 2025 धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक विविधता का संगम प्रस्तुत करता है.
स्टॉलों की सजावट, पारंपरिक व्यंजन और सांस्कृतिक गतिविधियाँ मेले में शामिल सभी लोगों को धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से जोड़ती हैं.
इस प्रकार, माउंट मैरी चर्च के बाहर लगे मोमबत्ती स्टॉल, येशू की मूर्तियां और अन्य सांस्कृतिक स्टॉल श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए मेला का अहम आकर्षण बन चुके हैं.
यह आयोजन धार्मिक भक्ति, सांस्कृतिक रंगों और मुंबई की स्थानीय परंपराओं का जीवंत संगम प्रस्तुत करता है, जो हर साल शहरवासियों और पर्यटकों के लिए एक यादगार अनुभव बनाता है.
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