हम आपके लिए इस ब्रिज की कुछ बेहद खास तस्वीरें लेकर आए हैं, जिनमें यह रंगीन एलईडी लाइट्स से रोशन होता नजर आ रहा है. (Pics/Ashish Raje)
रात के अंधेरे में जब ये ब्रिज जगमगाता है, तो इसका दृश्य मंत्रमुग्ध कर देने वाला होता है. दूर से देखने पर यह किसी भव्य आर्किटेक्चरल मास्टरपीस की तरह नजर आता है. पुल के केबल-स्टेड स्पैन और छह जोड़ी केबलों पर लगाई गई लाइटें इसे और भी आकर्षक बनाती हैं.
ब्रिज की विशेषताएँ और डिज़ाइन
- लंबाई: 385 मीटर
- लेन: छह
- डिजाइन: बांद्रा-वर्ली सी लिंक की तर्ज पर
- संरचना: दो बड़े रैंप, जो यातायात को सुगम बनाएंगे
यातायात कनेक्टिविटी: बायकुला (पूर्व) को हार्बर लाइन, माहुल रोड और ईस्टर्न फ्रीवे से जोड़ेगा. यह पुल न केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, बल्कि मुंबई के विकास की दिशा में एक और मजबूत कदम भी है.
इस पुल के निर्माण के लिए बीएमसी, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट और सेंट्रल रेलवे का सहयोग लिया गया. जगह बनाने के लिए एक रेलवे टिकट काउंटर, 130 झोपड़ियाँ और 15 शेड हटाए गए. इस ब्रिज का निर्माण सबसे तेजी से बनने वाले रेल ओवर ब्रिजों में से एक के रूप में दर्ज किया गया है.
इस पुल के खुलने से न केवल रे रोड क्षेत्र के यात्रियों को राहत मिलेगी, बल्कि पूरे शहर में यातायात का प्रवाह भी बेहतर होगा. खासतौर पर ईस्टर्न फ्रीवे और हार्बर लाइन के यात्रियों को इसका सीधा लाभ मिलेगा.
मुंबईवासियों को इस ब्रिज के उद्घाटन का बेसब्री से इंतजार है. यह ब्रिज न सिर्फ यातायात के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसकी रात में जगमगाती रोशनी इसे एक टूरिस्ट अट्रैक्शन भी बना सकती है. आने वाले दिनों में यह ब्रिज मुंबई के प्रमुख आर्किटेक्चरल लैंडमार्क में शुमार होगा.
जल्द ही यह ब्रिज आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा, जिससे लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी और मुंबई की सड़कों पर ट्रैफिक जाम की समस्या काफी हद तक कम होगी.
मुंबई का यह नया पुल शहर का पहला केबल-स्टेड रोड ओवर ब्रिज है और इसे रेल लाइनों के ऊपर सबसे तेजी से निर्मित ब्रिज में से एक माना जा रहा है.
यह पुल आधुनिक तकनीक और इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो मुंबई के बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाएगा.
इस महत्वपूर्ण पुल के चालू होने से मुंबई के यातायात में बड़ा सुधार होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर और सुगम सफर मिल सकेगा.
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