इस अप्रत्याशित हड़ताल ने न केवल शहर की रफ्तार रोक दी, बल्कि एक बड़ा हादसा भी हो गया. (Pic/Ashish Raje)
सैंडहर्स्ट रोड स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर चलते समय ट्रेन की चपेट में आने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.
मध्य रेलवे के कर्मचारियों का यह विरोध प्रदर्शन 9 जून को मुंब्रा में हुए ट्रेन हादसे के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को लेकर था.
उस दुर्घटना में पांच लोगों की मौत हो गई थी, जिसके बाद दो रेलवे इंजीनियरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
कर्मचारियों ने इस कार्रवाई को `अनुचित` बताते हुए तुरंत काम रोक दिया और सीएसएमटी पर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. अचानक हुई इस हड़ताल ने रेलवे प्रशासन को भी हतप्रभ कर दिया.
प्रदर्शन के कारण लोकल ट्रेनों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो गई. स्टेशन पर फँसे यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी.
कई यात्रियों ने बताया कि वे घंटों से ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे, लेकिन कोई स्पष्ट सूचना नहीं दी जा रही थी.
सोशल मीडिया पर भी लोगों ने वीडियो और तस्वीरें साझा कीं, जिनमें सीएसएमटी स्टेशन पर अफरातफरी और नाराज यात्रियों की भीड़ स्पष्ट दिखाई दे रही थी.
घटना के बाद रेलवे पुलिस और आरपीएफ ने तुरंत मोर्चा संभाला और व्यवस्था को बहाल करने की कोशिशें शुरू कीं.
देर शाम तक कुछ रूटों पर धीरे-धीरे ट्रेन सेवाएं शुरू की गईं, लेकिन यात्रियों की परेशानी कम नहीं हुई.
रेलवे प्रशासन ने हड़ताल करने वाले कर्मचारियों से बातचीत शुरू कर दी है और कहा है कि यात्रियों की सुरक्षा और सेवा में किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनके साथी इंजीनियरों के खिलाफ दर्ज मामला वापस नहीं लिया जाता, विरोध जारी रहेगा.
मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनें इस घटना से एक बार फिर ठहर गईं — और शहर ने देखा कि कुछ ही घंटों की हड़ताल से कैसे महानगर की रफ्तार थम जाती है.
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