Updated on: 19 December, 2024 03:15 PM IST | Mumbai
Ujwala Dharpawar
कर्नाटक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विधायक लक्ष्मण सावदी के मुंबई के केंद्रीकरण को लेकर दिए गए बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है.
X/Pics, Aaditya Thackeray
कर्नाटक विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में विधायक लक्ष्मण सावदी के मुंबई के केंद्रीकरण को लेकर दिए गए बयान ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है. इस बयान पर शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की कोई भी कोशिश शिवसेना कभी बर्दाश्त नहीं करेगी.
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आदित्य ठाकरे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक ट्वीट करते हुए अपने गुस्से का इज़हार किया. उन्होंने लिखा, "मुंबई के केंद्रीकरण की मांग पूरी तरह अस्वीकार्य है. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी, चाहे कोई भी पार्टी हो, मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की भाषा को शिवसेना (UBT) कभी सहन नहीं करेगी." उन्होंने यह भी कहा कि मुंबई केवल एक शहर नहीं है, यह मराठी लोगों की मातृभूमि है, और यहां के हर कण में मराठी लोगों का खून-पसीना समाया हुआ है.
आदित्य ठाकरे ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने वर्षों से अपनी मेहनत और संघर्ष से मुंबई को भारत की आर्थिक राजधानी बनाया है. उन्होंने कहा, "मुंबई ने हमें सुख या सुविधा मुफ्त में नहीं दी है. यह शहर महाराष्ट्र की पहचान और गौरव है. इसे किसी भी राजनीतिक स्वार्थ के लिए अलग करने की बात करना न केवल असंवेदनशील है बल्कि मराठी लोगों के त्याग और मेहनत का अपमान भी है."
मुंबई केंद्रशसित करण्याची मागणी निषेधार्ह आहे.
— Aaditya Thackeray (@AUThackeray) December 19, 2024
काँग्रेस असो वा भाजप... कोणताही पक्ष असो... मुंबईला महाराष्ट्रापासून तोडण्याची भाषा शिवसेना (उद्धव बाळासाहेब ठाकरे) अजिबात खपवून घेणार नाही.
मुंबई ही आमची मायभूमी आहे. इथला प्रत्येक कण मराठी माणसानं आपलं रक्त सांडून मिळवला आहे.…
शिवसेना (UBT) नेता ने कांग्रेस के टॉप नेतृत्व से भी अपील की कि वे अपने विधायकों को इस तरह के बयानों से बचने की हिदायत दें. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियों से राज्यों के बीच विवाद बढ़ सकते हैं और इससे लोगों की भावनाएं आहत होती हैं.
यह मुद्दा केवल राजनीतिक विवाद तक सीमित नहीं रहा, बल्कि महाराष्ट्र के कई राजनीतिक दलों ने भी लक्ष्मण सावदी के बयान की आलोचना की है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेताओं ने भी इस बयान को मराठी अस्मिता के खिलाफ बताया है. बता दें, इस तरह के बयान न केवल राजनीतिक विवाद को बढ़ावा देते हैं बल्कि क्षेत्रीय असंतोष को भी भड़काते हैं. मुंबई के केंद्रीकरण को लेकर पहले भी कई बार विवाद उठ चुके हैं, लेकिन हर बार महाराष्ट्र की जनता और राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर इसका विरोध किया है.
यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि कर्नाटक सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और क्या कांग्रेस अपने विधायक लक्ष्मण सावदी के बयान से खुद को अलग करती है. आने वाले दिनों में इस राजनीतिक विवाद के और गहराने की संभावना है.
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