Updated on: 25 October, 2024 02:03 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
मौसम विभाग ने सुबह 8:23 बजे कहा कि तूफान के आने की प्रक्रिया जारी है और चक्रवात का पिछला हिस्सा प्रवेश कर रहा है.
एनडीआरएफ बहाली प्रक्रिया (तस्वीर/पीटीआई)
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और ओडिशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल (ओडीआरएएफ) की टीमों ने शुक्रवार को ओडिशा के तटीय जिले में सड़कों से उखड़े हुए पेड़ों को हटाकर बहाली का काम शुरू कर दिया, हालांकि भीषण चक्रवाती तूफान दाना के आने की प्रक्रिया अभी भी जारी है. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मौसम विभाग ने सुबह 8:23 बजे कहा कि तूफान के आने की प्रक्रिया जारी है और चक्रवात का पिछला हिस्सा जमीन में प्रवेश कर रहा है. अगले 1-2 घंटों तक भूस्खलन की प्रक्रिया जारी रहेगी. सिस्टम के उत्तरी ओडिशा में लगभग उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 25 अक्टूबर की दोपहर तक धीरे-धीरे कमजोर होकर चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना है. पारादीप में डॉपलर रडार द्वारा सिस्टम पर लगातार निगरानी रखी जा रही है.
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रिपोर्ट के मुताबिक ओडिशा के उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज, जो वर्तमान में भद्रक जिले के प्रभारी हैं, ने दावा किया कि जिले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. मंत्री ने कहा, "किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है. पेड़ गिरने से बिजली के प्रतिष्ठानों को भारी नुकसान पहुंचा है. सड़कें साफ की जा रही हैं." भद्रक जिले के धामरा इलाके में तेज हवाओं और भारी बारिश के बावजूद एनडीआरएफ और ओडीआरएएफ की टीमों ने मरम्मत का काम शुरू कर दिया है. केंद्रपाड़ा जिले के राजनगर के तहसीलदार अजय मोहंती ने दावा किया कि भीतरकनिका इलाके में कुछ पेड़ों के उखड़ने और कुछ फूस के घरों को नुकसान पहुंचने के अलावा कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है. मोहंती ने कहा, "हवा की गति काफी हद तक घटकर 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे रह गई है, लेकिन इलाके में बारिश जारी है."
उन्होंने कहा कि गुरुवार रात को ज्वार के दौरान समुद्री पानी कुछ जलाशयों और निचले इलाकों में घुस गया. एक अधिकारी ने कहा कि पिछले छह घंटों के दौरान भद्रक जिले के चंदबली इलाके में सबसे ज्यादा 131.6 मिमी बारिश हुई, जबकि बालासोर में 42.8 मिमी बारिश हुई. ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने विशेष राहत आयुक्त कार्यालय में चक्रवात की स्थिति की समीक्षा की.
भद्रक, केंद्रपाड़ा, बालासोर और निकटवर्ती जगतसिंहपुर जिले के तटीय जिलों में हवा की गति अचानक 100 किमी प्रति घंटे से 110 किमी प्रति घंटे तक बढ़ गई और भूस्खलन की प्रक्रिया के दौरान अत्यधिक भारी वर्षा हुई. भुवनेश्वर के बीजू पटनायक अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के अधिकारियों ने मौसम की स्थिति में सुधार के बाद परिचालन फिर से शुरू किया है.
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