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Himachal Pradesh: किसने खाया सीएम का समोसा? 5 पुलिस अधिकारियों को मिला नोटिस, जानें क्या है मामला

Updated on: 08 November, 2024 04:38 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

आप सोच रहे होंगे कि ऐसा सिर्फ किसी फिल्म या मजाक में होता है, लेकिन ऐसा नहीं है.

छवि: सोशल मीडिया

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भारत में समोसे का क्रेज एक अलग ही लेवल पर है. होटलों से लेकर सड़क किनारे तक लोग समोसा खाते दिख जाएंगे, लेकिन क्या आपने सोचा है कि समोसा पूरे पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा सकता है. आप सोच रहे होंगे कि ऐसा सिर्फ किसी फिल्म या मजाक में होता है, लेकिन ऐसा नहीं है, ऐसी ही एक घटना हिमाचल प्रदेश से सामने आई है जहां समोसे के कारण पुलिस अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है. तो आइए जानें क्या है पूरी घटना.

कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसा हुआ है जो किसी कॉमेडी फिल्म की कहानी जैसा लगता है. पिछले कई दिनों से हिमाचल प्रदेश की राजनीति में समोसा काफी मशहूर हो गया है. समोसे को लेकर पांच पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इतना ही नहीं, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है और राज्य सीआईडी इसकी जांच कर रही है.


इस घटना के तहत 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन करने सीआईडी मुख्यालय पहुंचे थे. यहां मुख्यमंत्री के लिए लाए गए केक और समोसे उनके स्टाफ के बीच बांटे गए थे, जिसकी जांच सीआईडी ने की थी. जांच में पता चला कि केवल एसआई को ही पता था कि बक्सा विशेष रूप से सीएम सुक्खू के लिए है.


CIDA की जांच में पाया गया कि जब ये डिब्बे महिला इंस्पेक्टर को सौंपे गए, तो उन्होंने किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से इसकी पुष्टि नहीं की और इन्हें मैकेनिकल परिवहन (MT) विभाग को सौंप दिया. नाश्ते के लिए भेजा गया इस त्रुटि के कारण ये बक्से अपने असली व्यक्ति तक पहुंचने से पहले ही खो गये. जांच रिपोर्ट के मुताबिक उपरोक्त तीन बक्सों में रखे सामान को आईजी कार्यालय में बैठे 10 से 12 लोगों को चाय के साथ परोसा गया. 

होटल से जो तथाकथित तीन डिब्बे लाए गए थे, उनमें रखा खाना मुख्यमंत्री के लिए था, इसकी जानकारी सिर्फ एसआई को थी. हालाँकि, उपरोक्त तीनों बक्सों को इंस्पेक्टर ने बिना किसी उच्च अधिकारी से पूछे एमटी विभाग को सौंप दिया था. बक्से खोले गए और सामग्री वितरित की गई. जिसके बाद अब गायब हुए बॉक्स को लेकर पुलिस अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है.


इस घटना पर बीजेपी (भाजपा) के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा, `राज्य सरकार को राज्य के विकास की कोई चिंता नहीं है और उसकी एकमात्र चिंता मुख्यमंत्री का समोसा है.` उन्होंने कहा कि सुक्खू के लिए लाए गए समोसे वाली घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने कहा कि जांच में इस गलती को "सरकार विरोधी" कृत्य बताया गया है, जो एक बड़ा शब्द है. हालांकि, कांग्रेस ने सभी आरोपों से इनकार किया है.

कांग्रेस शासित राज्य हिमाचल प्रदेश में कुछ ऐसा हुआ है जो किसी कॉमेडी फिल्म की कहानी जैसा लगता है. पिछले कई दिनों से हिमाचल प्रदेश की राजनीति में समोसा काफी मशहूर हो गया है. समोसे को लेकर पांच पुलिसकर्मियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इतना ही नहीं, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है और राज्य सीआईडी इसकी जांच कर रही है.

इस घटना के तहत 21 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू साइबर विंग स्टेशन का उद्घाटन करने सीआईडी मुख्यालय पहुंचे थे. यहां मुख्यमंत्री के लिए लाए गए केक और समोसे उनके स्टाफ के बीच बांटे गए थे, जिसकी जांच सीआईडी ने की थी. जांच में पता चला कि केवल एसआई को ही पता था कि बक्सा विशेष रूप से सीएम सुक्खू के लिए है.

CIDA की जांच में पाया गया कि जब ये डिब्बे महिला इंस्पेक्टर को सौंपे गए, तो उन्होंने किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से इसकी पुष्टि नहीं की और इन्हें मैकेनिकल परिवहन (MT) विभाग को सौंप दिया. नाश्ते के लिए भेजा गया इस त्रुटि के कारण ये बक्से अपने असली व्यक्ति तक पहुंचने से पहले ही खो गये. जांच रिपोर्ट के मुताबिक उपरोक्त तीन बक्सों में रखे सामान को आईजी कार्यालय में बैठे 10 से 12 लोगों को चाय के साथ परोसा गया. 

होटल से जो तथाकथित तीन डिब्बे लाए गए थे, उनमें रखा खाना मुख्यमंत्री के लिए था, इसकी जानकारी सिर्फ एसआई को थी. हालाँकि, उपरोक्त तीनों बक्सों को इंस्पेक्टर ने बिना किसी उच्च अधिकारी से पूछे एमटी विभाग को सौंप दिया था. बक्से खोले गए और सामग्री वितरित की गई. जिसके बाद अब गायब हुए बॉक्स को लेकर पुलिस अधिकारियों को नोटिस भेजा गया है.

इस घटना पर बीजेपी (भाजपा) के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने कहा, `राज्य सरकार को राज्य के विकास की कोई चिंता नहीं है और उसकी एकमात्र चिंता मुख्यमंत्री का समोसा है.` उन्होंने कहा कि सुक्खू के लिए लाए गए समोसे वाली घटना ने विवाद को जन्म दे दिया है. उन्होंने कहा कि जांच में इस गलती को "सरकार विरोधी" कृत्य बताया गया है, जो एक बड़ा शब्द है. हालांकि, कांग्रेस ने सभी आरोपों से इनकार किया है.

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