Updated on: 24 January, 2024 01:07 PM IST | mumbai
आज कर्पूरी ठाकुर (karpoori thakur) की 100वीं जयंती है. केंद्र सरकार ने उनकी जयंती से पहले उन्हें भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्हें भारत में एक जननायक के रूप में जाना जाता है.
भारत रत्न से नवाज़े जाएंगे कर्पूरी ठाकुर. (फोटो/एक्स)
आज कर्पूरी ठाकुर जी की 100वीं जयंती है. केंद्र सरकार ने उनकी जयंती से पहले उन्हें भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की है. कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्हें भारत में एक जननायक के रूप में जाना जाता है.
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सीएम नीतीश कुमार ने दिया धन्यवाद
इस घोषणा के बाद बिहार के वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र की नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया. उन्होंने लिखा, “पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है. केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है. स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और उपेक्षित तबकों के बीच सकारात्मक भाव पैदा करेगा. हम हमेशा से ही स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को ‘भारत रत्न’ देने की मांग करते रहे हैं. वर्षों की पुरानी मांग आज पूरी हुई है. इसके लिए माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को धन्यवाद.“
पूर्व मुख्यमंत्री और महान समाजवादी नेता स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया जाना हार्दिक प्रसन्नता का विषय है। केंद्र सरकार का यह अच्छा निर्णय है। स्व॰ कर्पूरी ठाकुर जी को उनकी 100वीं जयंती पर दिया जाने वाला यह सर्वोच्च सम्मान दलितों, वंचितों और…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) January 23, 2024
पीएम मोदी ने ट्वीट कर जताई खुशी
प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर इस खुशी ज़ाहिर की है. उन्होंने लिखा कि `मुझे खुशी है कि भारत सरकार ने सामाजिक न्याय के प्रतीक जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. वो भी ऐसे समय में, जब हम उनकी जन्मशती मना रहे हैं.`
मुझे इस बात की बहुत प्रसन्नता हो रही है कि भारत सरकार ने समाजिक न्याय के पुरोधा महान जननायक कर्पूरी ठाकुर जी को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया है। उनकी जन्म-शताब्दी के अवसर पर यह निर्णय देशवासियों को गौरवान्वित करने वाला है। पिछड़ों और वंचितों के उत्थान के लिए कर्पूरी… pic.twitter.com/hRkhAjfNH3
— Narendra Modi (@narendramodi) January 23, 2024
कौन थे कर्पूरी ठाकुर
कर्पूरी ठाकुर का जन्म बिहार के समस्तीपुर जिला के पितौंझिया में 24 जनवरी 1924 को हुआ था. उनके पिता गोकुल ठाकुर सीमांत किसान थे. किसानी के साथ वह नाई का भी काम किया करते थे. भारत में कर्पूरी ठाकुर को एक जननायक के रूप में जाना जाता है. बाद में आगे चलकर उन्ही के नाम पर कर्पूरी नाम से उनके गांव को भी नाम दिया गया.
सादगी पसंद करते थे कर्पूरी ठाकुर
भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्होंने काफी अहम किरदार निभाया था. वह साल 22 दिसंबर 1970 से 2 जून 1971 और 24 जून 1977 से 21 अप्रैल 1979 के दौरान मुख्यमंत्री के रूप में काम किया था. उन्होंने प्रदेश में पिछड़े और अति पिछड़ों के विकास के लिए आवाज उठाई और कई बड़े राजनीतिक कदम भी उठाए थे. कर्पूरी ठाकुर सादगी के मिसाल माने जाते हैं. 2 बार मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उन्होंने कभी अपने लिए या परिवार के लिए पद का लाभ नहीं लिया. बिहार फाउंडेशन के मुताबिक, सामाजिक बदलाव के लिए उन्होंने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए.
मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान किए ये काम
बिहार फाउंडेशन के एक ट्वीट के अनुसार उन्होंने अपने कार्यकाल में काफी शानदार काम किए. आठवीं तक की शिक्षा मुफ्त दी. 5 एकड़ तक जमीं पर माल गुजारी समाप्त की. इसके साथ ही उर्दू को दूसरी राजकीय भाषा का दर्ज़ा भी दिलाया. अंग्रेजी की अनिवार्यता को भी खत्म करने का काम किया. उन्होंने महिलाओं एवं ओबीसी को आरक्षण दिलाने में भी काफी मेहनत की. इसके अलावा ओबीसी को आरक्षण देने वाला बिहार देश का पहला सूबा घोषित किया.
जन्म शताब्दी समारोह 2024 के अवसर पर जननायक कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय।
— Bihar Foundation (@biharfoundation) January 23, 2024
वे स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दो बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
कर्पूरी ठाकुर जी का जन्म समस्तीपुर के पितौंझिया में हुआ जिसे अब कर्पूरीग्राम… pic.twitter.com/k7i1RAKD7f
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