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Maharashtra: मराठवाड़ा में मॉनसून के दौरान 64 लोगों की मौत; बिजली गिरने से हुई 38 की मौत

Updated on: 10 October, 2024 07:56 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से 4 अक्टूबर के बीच हुई इन मौतों में से सबसे अधिक 12 मौतें लातूर में हुईं.

प्रतीकात्मक चित्र/फ़ाइल

प्रतीकात्मक चित्र/फ़ाइल

महाराष्ट्र के मराठवाड़ा क्षेत्र में इस साल मानसून के दौरान बारिश से संबंधित घटनाओं में 64 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से 38 की मौत बिजली गिरने से हुई. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार मराठवाड़ा में छत्रपति संभाजीनगर, जालना, बीड, परभणी, लातूर, नांदेड़, उस्मानाबाद और हिंगोली जिले शामिल हैं. राजस्व विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, 1 जून से 4 अक्टूबर के बीच हुई इन मौतों में से सबसे अधिक 12 मौतें लातूर में हुईं. बिजली गिरने से 38 मौतों सहित 64 मौतों के अलावा, मराठवाड़ा में बारिश से संबंधित घटनाओं में 16 लोग घायल भी हुए. जिन लोगों की जान गई, उनमें से 24 बाढ़ के दौरान डूब गए. इस क्षेत्र में किसानों के 1,595 पशुओं की भी मौत हुई. आठ जिलों में से परभणी में सबसे ज़्यादा 407 मौतें हुईं.

रिपोर्ट के मुताबिक फ़िलहाल, इस क्षेत्र में 407 लाइटनिंग अरेस्टर लगाए गए हैं. इनमें से 308 बीड में और 79 छत्रपति संभाजीनगर में हैं. एक अन्य रिपोर्ट में कहा गया है कि परभणी, जहाँ इस साल बिजली गिरने से सबसे ज़्यादा (8) मौतें दर्ज की गईं, वहाँ मई 2024 तक चार लाइटनिंग अरेस्टर लगाए गए हैं. मौसम विभाग द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, 2024 के बरसात के मौसम में चरम मौसम की घटनाओं में लगभग 1,500 लोगों की मौत हुई. 


आंकड़ों के अनुसार, मानसून के मौसम में चरम मौसम की घटनाओं के कारण भारत में कुल 1,492 लोगों की मौत हुई. आंकड़ों से पता चला है कि बाढ़ और बारिश से जुड़ी घटनाओं के कारण 895 लोगों की जान चली गई, जबकि 597 मौतें मानसून के मौसम में आंधी और बिजली गिरने से हुईं. रिपोर्ट के अनुसार मौसम विभाग ने बताया कि देश में 525 भारी वर्षा की घटनाएं (115.6 मिमी और 204.5 मिमी के बीच वर्षा) - पिछले पांच वर्षों में सबसे अधिक - और 96 अत्यधिक भारी वर्षा की घटनाएं (204.5 मिमी से अधिक) हुईं. आंकड़ों के अनुसार, मौसम के शुरुआती हिस्से के दौरान 17 लोगों की मौत हीटवेव से हुई - झारखंड में 13 और राजस्थान में चार. इस बीच, केरल, जिसने 30 जुलाई को पारिस्थितिक रूप से नाजुक वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन देखा, बाढ़ और भारी बारिश के कारण 397 मौतें दर्ज की गईं. असम और मध्य प्रदेश में बाढ़ और भारी बारिश के कारण क्रमशः 102 और 100 मौतें दर्ज की गईं.


राष्ट्रीय राजधानी में बाढ़ और भारी बारिश के कारण 13 मौतें हुईं. रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़ों से यह भी पता चला है कि मध्य प्रदेश में आंधी और बिजली गिरने से सबसे अधिक मौतें (189) दर्ज की गईं, उसके बाद उत्तर प्रदेश (138), बिहार (61) और झारखंड (53) का स्थान रहा. 2024 का दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन आधिकारिक तौर पर सोमवार को पूरा हो गया, जिसमें भारत में 934.8 मिमी बारिश दर्ज की गई - जो लंबी अवधि के औसत का 107.6 प्रतिशत और 2020 के बाद से सबसे अधिक है


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