Updated on: 14 July, 2025 09:18 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
यह कदम जंक फ़ूड को सिगरेट जितना खतरनाक घोषित करने की शुरुआत है.
जलेबी और समोसा (फोटो: मिड-डे)
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने केंद्रीय संस्थानों में तेल और चीनी बोर्ड लगाने का आदेश दिया है. अब जलेबी और समोसे जैसे स्नैक्स पर स्वास्थ्य चेतावनी दिखाई देगी ताकि लोगों को पता चल सके कि वे जो खा रहे हैं उसका उनके स्वास्थ्य पर क्या प्रभाव पड़ रहा है. यह कदम जंक फ़ूड को सिगरेट जितना खतरनाक घोषित करने की शुरुआत है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
अब जलेबी की मिठास और समोसे के कुरकुरेपन के साथ-साथ स्वास्थ्य चेतावनी भी आएगी. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश भर के केंद्रीय संस्थानों में `तेल और चीनी बोर्ड` लगाने का आदेश दिया है. इसका मतलब है कि अब विक्रेताओं को यह बताना होगा कि उनके द्वारा परोसे जा रहे स्नैक्स का स्वास्थ्य पर कितना प्रभाव पड़ता है या उनमें कितनी चीनी या अन्य पदार्थ हैं.
यह कदम जंक फ़ूड को सिगरेट जितना खतरनाक घोषित करने की शुरुआत है. जल्द ही लड्डू, वड़ा पाव और भजिया जैसे स्वादिष्ट स्नैक्स के पीछे चेतावनी बोर्ड दिखाई देंगे, जो आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे. उदाहरण के लिए, अगर आपको पता है कि एक समोसे में कितना तेल है, तो क्या आप दूसरा समोसा खाने से पहले दो बार नहीं सोचेंगे? टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एम्स नागपुर ने इस आदेश की पुष्टि कर दी है. जल्द ही, ये चेतावनी बोर्ड वहाँ की कैंटीनों और सार्वजनिक स्थानों पर लगाए जाएँगे.
कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के नागपुर चैप्टर के अध्यक्ष अमर आमले ने कहा, "यह खाद्य पदार्थों पर लेबलिंग को सिगरेट की चेतावनी जितना ही गंभीर बनाने की दिशा में पहला कदम है. चीनी और ट्रांस फैट अब नए `तंबाकू` हैं. लोगों को यह जानने का अधिकार है कि वे क्या खा रहे हैं." माना जा रहा है कि फास्ट फूड पर प्रतिबंध लगाने के बजाय, सरकार चेतावनी बोर्डों के ज़रिए लोगों को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की सलाह देगी. यानी अब हर स्वादिष्ट नाश्ते पर एक बोर्ड लगा होगा, जिस पर लिखा होगा, "खाओ, लेकिन सोचो."
भारत में मोटापा तेज़ी से फैल रहा है. एक अनुमान के अनुसार, 2050 तक 44.9 करोड़ भारतीय मोटे होंगे. उसके बाद, इस मामले में भारत केवल संयुक्त राज्य अमेरिका से पीछे होगा. शहरी क्षेत्रों में पाँच में से एक वयस्क अभी भी मोटापे से जूझ रहा है. खराब खान-पान और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण बच्चों में मोटापा बढ़ रहा है. यह आँकड़ा चिंताजनक है. स्वास्थ्य मंत्रालय का यह कदम खान-पान की आदतों पर नज़र रखने का एक प्रयास है. यह बोर्ड न केवल लोगों को आगाह करेगा, बल्कि उन्हें अपने स्वास्थ्य के बारे में सोचने का अवसर भी देगा.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT