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पाकिस्तान ने हवाई क्षेत्र समेत शिमला समझौता रद्द किया, शाहबाज सरकार का ऐलान

Updated on: 24 April, 2025 08:44 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent | hmddigital@mid-day.com

इसके अलावा नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को `अवांछित व्यक्ति` घोषित कर दिया गया है.

शाहबाज़ शरीफ़ और नरेंद्र मोदी की तस्वीरों का कोलाज

शाहबाज़ शरीफ़ और नरेंद्र मोदी की तस्वीरों का कोलाज

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. हमले के जवाब में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है और पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को रद्द कर दिया है. इसके अलावा नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा, नौसेना और वायुसेना सलाहकारों को `अवांछित व्यक्ति` घोषित कर दिया गया है. इस कदम से बौखलाए पाकिस्तान ने अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया है और शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया है. पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं. 

पीएम मोदी की अगुवाई में हुई सीसीएस की बैठक में सिंधु जल संधि को निलंबित करने समेत पांच बड़े फैसले लिए गए. इसके जवाब में पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की अहम बैठक हुई, जिसमें भारत के लिए पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र बंद करने का भी फैसला लिया गया. शिमला समझौते को भी निलंबित कर दिया गया है. भारतीय उड़ानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा करते हुए पाकिस्तान ने कहा कि पाकिस्तान का हवाई क्षेत्र भारतीय स्वामित्व वाली या संचालित एयरलाइनों के लिए भी तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा. इस बीच, पाकिस्तान के माध्यम से भारत के साथ सभी व्यापार को भी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.


भारत की कार्रवाई से नाराज पाकिस्तान ने कहा कि सिंधु जल संधि के तहत उसके लिए निर्धारित जल को मोड़ने का कोई भी कदम युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. इसने पहलगाम हमले के मद्देनजर देश के खिलाफ नई दिल्ली द्वारा उठाए गए कदमों के जवाब में भारत के साथ व्यापार, शिमला समझौते सहित द्विपक्षीय समझौतों और हवाई क्षेत्र को निलंबित करने की भी घोषणा की. पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित करने और राजनयिक संबंधों को कम करने के भारत के कदम पर देश की प्रतिक्रिया तैयार करने के लिए पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद ये घोषणाएं की गईं.


इस बैठक में पाकिस्तान के मुख्यमंत्रियों और तीनों सशस्त्र बलों के प्रमुखों ने भाग लिया. राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद जारी एक बयान में कहा गया, "पाकिस्तान भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने के अपने अधिकार का प्रयोग करेगा, जिसमें शिमला समझौता भी शामिल है, लेकिन उस तक सीमित नहीं है." 

बयान में कहा गया कि पाकिस्तान वाघा सीमा क्रॉसिंग को तत्काल प्रभाव से बंद कर देगा. हालांकि, भारत ने अटारी सीमा चेक पोस्ट को पहले ही बंद कर दिया है. इसके अलावा, पाकिस्तान ने सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारतीय नागरिकों को जारी किए गए सभी वीजा को भी निलंबित कर दिया है और सिख धार्मिक तीर्थयात्रियों को छोड़कर उन्हें तत्काल प्रभाव से रद्द माना है. सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर, एसवीईएस के तहत वर्तमान में पाकिस्तान में मौजूद भारतीय नागरिकों को 48 घंटे के भीतर पाकिस्तान छोड़ने का निर्देश दिया गया है.


बैठक के बाद जारी एक बयान के अनुसार, एनएससी ने सिंधु जल संधि को निलंबित करने के भारत के एकतरफा फैसले को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया, इस समझौते को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया, जबकि इस बात पर जोर दिया कि पानी एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय हित है और 240 मिलियन पाकिस्तानियों के लिए जीवन रेखा है. इसमें कहा गया है, "सिंधु जल संधि के तहत पानी के प्रवाह को बाधित करने या मोड़ने तथा नदी के निचले इलाकों के लोगों के अधिकारों का उल्लंघन करने के पाकिस्तान के किसी भी प्रयास को युद्ध माना जाएगा.

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