Updated on: 07 January, 2025 09:16 AM IST | mumbai
Ujwala Dharpawar
अजमेर शरीफ में 813वें उर्स के मौके पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे की ओर से मातोश्री से भेजी गई चादर दरगाह में पेश की गई.
X/Pics
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अजमेर शरीफ में हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के 813वें उर्स के मौके पर अपनी ओर से श्रद्धा व्यक्त करते हुए चादर पेश करवा कर धार्मिक और सामाजिक समरसता की मिसाल पेश की. यह चादर 24 दिसंबर को मातोश्री से भेजी गई थी, जिसे अजमेर शरीफ में दरगाह पर पेश किया गया.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
यह चादर उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री से भेजी गई थी. शिवसेना यूबीटी के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में इसे अजमेर शरीफ पहुंचाया गया. दरगाह के खादिम सैयद जिशान चिश्ती के साथ इस चादर को दरगाह पर पेश किया गया.
ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का 813वां उर्स
अजमेर शरीफ दरगाह पर 813वें उर्स के मौके पर लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से अपनी श्रद्धा व्यक्त करने आते हैं. इस ऐतिहासिक दरगाह को धार्मिक और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक माना जाता है. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिन्हें गरीब नवाज़ भी कहा जाता है, उनकी दरगाह पर हर साल उर्स के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं.
धार्मिक समरसता का संदेश
उद्धव ठाकरे की ओर से अजमेर शरीफ में चादर पेश करने की यह पहल भारतीय संस्कृति में निहित गंगा-जमुनी तहज़ीब की झलक है. यह कदम धर्म और आस्था की सीमाओं से परे जाकर समाज को एकजुट करने की भावना को बढ़ावा देता है. उद्धव ठाकरे ने इस चादर के माध्यम से सभी धर्मों और समुदायों के प्रति सम्मान का संदेश दिया.
शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के विचारों को आगे बढ़ाते हुए उद्धव ठाकरे ने इस पहल के माध्यम से धार्मिक एकता और सामाजिक समरसता को मजबूत करने का प्रयास किया है. यह कदम न केवल उनकी आस्था का प्रतीक है, बल्कि समाज के लिए एक प्रेरणादायक संदेश भी है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT