मीडिया से बातचीत में नाना पटोले ने कहा कि `महागठबंधन सरकार को सत्ता से हटाया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाया जाए.`
उन्होंने बताया कि `लोग सूखे के कारण पलायन कर रहे हैं. लेकिन महागठबंधन सरकार इसे गंभीरता से नहीं ले रही है. लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में 267 किसानों ने आत्महत्या की और चुनाव के बाद भी ये आत्महत्याएं कम नहीं हुईं. इसके बावजूद महागठबंधन सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं.`
नाना पटोले ने आरोप लगाया कि `जब राज्य गंभीर सूखे की स्थिति का सामना कर रहा था, तब सरकार छुट्टी पर चली गई थी और कुछ मंत्री विदेश चले गए थे. मंत्रियों को विदेश जाने के लिए केंद्र सरकार से इजाजत लेनी होगी. इन मंत्रियों ने किसकी अनुमति ली थी इसका खुलासा होना चाहिए.`
उन्होंने बताया कि `किसान संकट में है, उसे सहारे की जरूरत है. राज्य में सूखे की स्थिति को देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि किसानों का कर्ज माफ किया जाए और सूखा प्रभावित किसानों को प्रति एकड़ 4 लाख रुपये दिए जाएं. पशुओं के लिए चारा शिविर शुरू किए जाएं और पीने का पानी उपलब्ध कराया जाए. प्रदेश में खाद की कालाबाजारी चल रही है. मांग की गई है कि सरकार खरीफ की बुआई के लिए खाद और बीज उपलब्ध कराये.`
पटोले ने मांग कि `भीमनगर स्लम में अवैध कार्रवाई करने वाले नगर निगम अधिकारियों, पुलिस और बिल्डरों के खिलाफ अत्याचार का अपराध दर्ज करें`
उन्होंने बताया कि `बिल्डर के लिए सरकार ने गरीबों को बेघर कर दिया है. यह कार्रवाई सरकार, प्रशासन और बिल्डर की मिली भगत से की गई है.`
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