उद्धव ठाकरे ने अपने संबोधन में सीधे-सीधे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा. (PICS: KIRTI SURVE PARADE)
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की सत्ता “जनसेवा” के लिए नहीं, बल्कि “पैसा कमाने और सत्ता का मज़ा लेने” के लिए चल रही है.
ठाकरे ने फडणवीस को भी नहीं छोड़ा, कहा – “आपको जनता ने अपराधियों और भ्रष्टाचारियों को बचाने के लिए वोट नहीं दिया था, लेकिन आज आप वही कर रहे हैं.”
‘जनआक्रोश आंदोलन’ के जरिए उद्धव ठाकरे ने जनता को चेताया कि अगर इस भ्रष्ट शासन को रोका नहीं गया, तो महाराष्ट्र की पहचान और सम्मान दोनों खतरे में पड़ जाएंगे.
उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ शुरुआत है – “सड़कों से लेकर विधानसभा तक, हम इस लड़ाई को अंजाम तक ले जाएंगे.”
प्रदर्शन में मौजूद कार्यकर्ताओं ने महागठबंधन सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाज़ी की – “भ्रष्टाचार हटाओ, महाराष्ट्र बचाओ” से लेकर “शिंदे-फडणवीस इस्तीफा दो” तक. माहौल पूरी तरह से राजनीतिक चुनौती और जनाक्रोश से भरा हुआ था.
विशेषज्ञ मानते हैं कि ठाकरे का यह आक्रामक रुख आने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए रणनीतिक कदम है. राज्य में राजनीतिक समीकरण पहले से ही अस्थिर हैं, और ऐसे तीखे हमले सत्ता पक्ष के लिए मुश्किलें बढ़ा सकते हैं.
उद्धव ठाकरे का संदेश साफ था – महाराष्ट्र के स्वाभिमान से खिलवाड़ करने वालों को जनता अब बख्शने वाली नहीं है.
भ्रष्टाचार, सत्ता लोभ और जनता के विश्वासघात के खिलाफ यह आंदोलन आने वाले दिनों में और तेज़ होगा.
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