Updated on: 28 March, 2025 03:59 PM IST | mumbai
थाईलैंड और म्यांमार में मंगलवार को आए तेज भूकंप ने भारी तबाही मचाई. बैंकॉक के चटुचक इलाके में एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई, जिसमें 43 मजदूर लापता हैं.
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थाईलैंड और उसके पड़ोसी देश म्यांमार में मंगलवार को आए तेज भूकंप ने भारी तबाही मचाई है. भूकंप के झटकों ने खास तौर पर थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक को झकझोर कर रख दिया. शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित चटुचक इलाके में एक निर्माणाधीन बहुमंजिला इमारत पूरी तरह से ढह गई है. इस दुर्घटना में अब तक 43 लोगों के लापता होने की जानकारी सामने आई है, जिनमें से ज्यादातर निर्माण कार्य में लगे मजदूर हैं.
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स्थानीय प्रशासन और बचाव दल राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन मलबा हटाने में भारी मशक्कत हो रही है. घटनास्थल पर बचावकर्मियों ने बताया कि कई मजदूर इमारत के भीतर काम कर रहे थे, जब भूकंप के झटकों से पूरी इमारत भरभरा कर गिर पड़ी. कुछ चश्मदीदों ने बताया कि पहले जोरदार कंपन महसूस हुई, फिर इमारत से धूल का गुबार उठा और वह चंद सेकंडों में जमीन पर आ गिरी.
M7.7 #Earthquake hits #MYANMAR
— ⚡NOISE ALERTS⚡ (@NoiseAlerts) March 28, 2025
Video showing people being rescued from the rubles of the collapsed buildings.pic.twitter.com/npI2IkTwkU
थाईलैंड के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, राजधानी में भूकंप के चलते अब तक कम से कम 15 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. इनमें से कुछ की मौत इमारतों से गिरने या मलबे में दबने की वजह से हुई है. घायलों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है, जिन्हें शहर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. कई की हालत गंभीर बनी हुई है.
उधर, म्यांमार में भी भूकंप ने कहर बरपाया है. वहां के कई इलाकों में मकान ढहने और जमीन धंसने की खबरें हैं. हालांकि, वहां से अभी विस्तृत आंकड़े नहीं मिल पाए हैं, लेकिन स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन सेवाओं को अलर्ट पर रखा है. विशेषज्ञों का मानना है कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर करीब 6.8 थी, जिसका केंद्र म्यांमार और थाईलैंड की सीमा के पास रहा.
थाईलैंड सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा को देखते हुए राजधानी में आपातकालीन प्रबंधन लागू कर दिया है और सेना को राहत कार्यों में लगाया गया है. हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या में और इजाफा हो सकता है, क्योंकि कई इलाके अब भी मलबे के नीचे दबे हुए हैं.
इस भयावह आपदा ने पूरे दक्षिण-पूर्वी एशिया में चिंता की लहर दौड़ा दी है. दुनियाभर से संवेदनाएं जताई जा रही हैं और कई देशों ने राहत सामग्री भेजने की पेशकश भी की है.
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