Updated on: 10 July, 2024 01:33 PM IST | Mumbai
Eshan Kalyanikar
8 जुलाई को इस क्षेत्र में कुल 45 कुत्ते के काटने के मामले सामने आए.
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249 dog bite cases in two days: भिवंडी में पांच वर्षीय रायबा शेख के परिवार के लिए दो दिन सबसे बुरे रहे, क्योंकि उनकी इकलौती बेटी को पागल कुत्ते द्वारा बेरहमी से हमला किए जाने के बाद ठाणे के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उसके चाचा इमरान शेख ने कहा कि डॉक्टरों ने परिवार को बताया था कि उसे सर्जरी करानी होगी. “उसके पिता एक ऑटो-रिक्शा चालक हैं. यह तब हुआ जब वह शांतिवाड़ी में एक नगरपालिका स्कूल के पास थी. अचानक, कुत्ते ने उस पर हमला कर दिया, जिसने और लोगों को काट लिया, और पास की एक मस्जिद तक भाग गया,” उन्होंने कहा.
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8 जुलाई को इस क्षेत्र में कुल 45 कुत्ते के काटने के मामले सामने आए. अस्पताल के रिकॉर्ड के अनुसार, 45 में से 25 से अधिक बच्चे थे. एक दिन पहले, भिवंडी के कामत नगर में 60 कुत्ते के काटने के मामले सामने आए थे. भिवंडी में सरकारी इंदिरा गांधी अस्पताल में मात्र दो दिनों में कुत्तों के काटने के 249 मामले सामने आए, जिनमें अन्य इलाकों के मामले भी शामिल हैं. मिड-डे ने अस्पताल के रिकॉर्ड की जांच की, जिसमें चार साल की उम्र से लेकर 70 साल की उम्र तक के लोगों के पीड़ित होने की बात सामने आई. इंदिरा गांधी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. माधवी ने बताया, "8 जुलाई को कुल 135 मामले और 7 जुलाई को 114 मामले सामने आए. इनमें से अधिकांश वयस्क थे. यहां एक बाल रोगी भर्ती है, बाकी को छुट्टी दे दी गई. तीन और बाल रोगियों को सिविल अस्पताल में रेफर किया गया." नौ वर्षीय बाल रोगी अयान शेख के हाथों पर काटने के निशान हैं.`
डॉ. माधवी ने बताया, "उसकी हालत स्थिर है. हमने उसे एंटीबायोटिक के साथ एंटी-रेबीज वैक्सीन और इम्युनोग्लोबुलिन दिया है." उन्होंने बताया कि रोगियों के लिए दवाओं और एंटी-रेबीज शॉट्स का पर्याप्त स्टॉक है. उन्होंने कहा, "नगर निगम को इस बात की समीक्षा करनी चाहिए कि यह कैसे हुआ." अस्पताल में भर्ती मरीजों के रिश्तेदारों ने आवारा कुत्तों की आबादी को नियंत्रित करने में नगर निगम की विफलता पर प्रेस के सामने अपना गुस्सा जाहिर किया.
अधिकारी की बात
भिवंडी नगर निगम आयुक्त अजय वैद्य ने कहा, "आवारा कुत्तों की नसबंदी के साथ-साथ पागल कुत्तों को नियंत्रित करने के लिए कानून के अनुसार विशेषज्ञों की सहायता की आवश्यकता होती है. टेंडर प्रक्रिया 2023 में शुरू हुई थी, लेकिन पर्याप्त बोलियाँ नहीं आईं. इसके बाद आचार संहिता लागू हो गई. अब हमने फिर से टेंडर जारी करने की अनुमति जारी कर दी है."
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