Updated on: 31 August, 2024 09:38 AM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
पुल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने गर्डर लॉन्च करने के लिए मध्य रेलवे से 6 घंटे के मेगा ब्लॉक के लिए अनुरोध किया था.
बीएमसी ने हाल ही में गर्डर की असेंबली पूरी की है। फोटो/सैय्यद समीर अबेदी
कार्नेक बंदर ब्रिज के लिए गर्डर लॉन्चिंग अक्टूबर में होने की संभावना है, क्योंकि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) को मानसून के बाद काम करने के लिए रेलवे मेगा ब्लॉक मिलने की उम्मीद है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुल विभाग के बीएमसी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और मस्जिद बंदर रेलवे स्टेशन के बीच स्थित पुल के गर्डर को लॉन्च करने के लिए मध्य रेलवे से 6 घंटे के मेगा ब्लॉक के लिए अनुरोध किया था.
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रिपोर्ट्स के मुताबिक पुल विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “गर्डर की असेंबली पूरी हो गई है. हालांकि, हमें बताया गया है कि रेलवे मानसून के दौरान मेगा ब्लॉक की अनुमति नहीं देगा. हमें उम्मीद है कि हमें अक्टूबर में मेगा ब्लॉक मिल जाएगा.” सीआर अधिकारियों ने कहा कि वे इस संबंध में बीएमसी के साथ पत्राचार कर रहे हैं. 70 मीटर लंबे और 9.5 मीटर चौड़े गर्डर की असेंबली हाल ही में पूरी हुई मूल योजना इस साल मानसून की शुरुआत से पहले गर्डर लॉन्च करने की थी जबकि पुल का काम मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. सूत्रों ने कहा कि काम 2025 तक पूरा हो जाएगा.
इस बीच, रेलवे प्राधिकरण ने बीएमसी से सुरक्षा दस्तावेज जमा करने की मांग की. अतिरिक्त नगर आयुक्त अभिजीत बांगर ने कहा, "हमें जल्द से जल्द गर्डर लॉन्च करने की अनुमति मिलने की उम्मीद है. इससे मार्च 2025 तक पुल का काम पूरा करने में मदद मिलेगी. अगर रेलवे को किसी दस्तावेज की जरूरत है, तो हमारे अधिकारी उनके संपर्क में हैं और जरूरी दस्तावेज मुहैया कराएंगे."
160 साल पुराने कार्नेक बंदर ब्रिज को आईआईटी बॉम्बे ने खतरनाक घोषित किया था, जिसके बाद बीएमसी ने सितंबर 2022 में पुल को यातायात के लिए बंद कर दिया और नवंबर 2022 में इसे तोड़ दिया. पुल पर काम 2023 में शुरू हुआ. परियोजना की अनुमानित लागत 53 करोड़ रुपये है. इस पुल के न होने से मोहम्मद अली रोड और वादी बंदर के आसपास के इलाके प्रभावित हुए हैं. इसके अलावा, पैदल यात्रियों की आवाजाही भी प्रभावित हुई है. कार्नैक बंदर इलाका शहर में अपने थोक बाज़ार के लिए जाना जाता है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पुल न होने की वजह से थोक बाज़ार भी प्रभावित हुआ है क्योंकि आगंतुकों को इस इलाके तक पहुँचने के लिए लंबा रास्ता तय करना पड़ता है.
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