Updated on: 22 September, 2024 08:03 PM IST | Mumbai
भगवान भालेराव की निलंबन की घोषणा के बाद, पार्टी कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई है.
पार्टी के समर्थकों ने भगवान भालेराव के निष्कासन पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं, वहीं कुछ ने इसे पार्टी संगठन की मजबूती के लिए सही कदम बताया है.
उल्हासनगर शहर में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आठवले) की राजनीति में बड़ी उथल-पुथल मची है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले के आदेशानुसार शहर की जिला कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है. इसके साथ ही पार्टी ने उल्हासनगर शहर अध्यक्ष भगवान भालेराव पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है. यह निर्णय पार्टी के ठाणे प्रदेश संपर्क प्रमुख और पार्टी इंस्पेक्टर सुरेश बारशिंग ने आधिकारिक रूप से घोषित किया. भगवान भालेराव, जोकि पार्टी के प्रमुख नेताओं में से एक रहे हैं, को रिपब्लिकन आंदोलन के कारण डिप्टी मेयर का पद प्राप्त हुआ था. हालांकि, हाल के दिनों में पार्टी संगठन और उसकी गतिविधियों को लेकर उनके खिलाफ कई शिकायतें मिलीं, जिसके चलते पार्टी के अनुशासन का उल्लंघन मानते हुए यह कड़ा कदम उठाया गया है. सुरेश बारशिंग ने बताया कि पार्टी को ऐसी कई घटनाओं की जानकारी मिली थी जिनसे यह प्रतीत होता है कि भगवान भालेराव पार्टी की नीतियों और अनुशासन के विपरीत कार्य कर रहे थे.
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भगवान भालेराव की निलंबन की घोषणा के बाद, पार्टी कार्यकर्ताओं में हलचल मच गई है. बताया जा रहा है कि पार्टी के भीतर भालेराव के खिलाफ असंतोष पहले से ही व्याप्त था, लेकिन हालिया घटनाओं ने स्थिति को और गंभीर बना दिया. पार्टी की उल्हासनगर शहर कार्यकारिणी को भंग करने का निर्णय भी इन्हीं कारणों से लिया गया है, ताकि पार्टी संगठन में अनुशासन कायम रहे और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोका जा सके.
रिपब्लिकन पार्टी की ओर से यह भी कहा गया कि पार्टी संगठन में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. भगवान भालेराव को पार्टी से निष्कासित करने का निर्णय पार्टी नेतृत्व ने पूरी तरह विचार-विमर्श के बाद लिया है. इस निर्णय के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की गई है कि वे पार्टी की नीतियों का पालन करें और संगठन की मजबूती के लिए एकजुट होकर कार्य करें. पार्टी के अन्य पदाधिकारी इस फैसले के समर्थन में हैं और उन्होंने उम्मीद जताई है कि इससे पार्टी के भीतर अनुशासन और एकता मजबूत होगी.
इस घटनाक्रम के बाद उल्हासनगर की राजनीति में हलचल मची हुई है, और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच चर्चाएं तेज हो गई हैं. पार्टी के समर्थकों ने भगवान भालेराव के निष्कासन पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की हैं, वहीं कुछ ने इसे पार्टी संगठन की मजबूती के लिए सही कदम बताया है. भविष्य में पार्टी किस तरह से इस स्थिति से निपटेगी और भगवान भालेराव का अगला कदम क्या होगा, यह देखने वाली बात होगी.
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