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मराठा कोटा की लड़ाई मुंबई शहर किले में तब्दील

Updated on: 03 September, 2025 07:56 PM IST | Mumbai
Samiullah Khan | samiullah.khan@mid-day.com

एक को दक्षिण क्षेत्रीय प्रभाग के लिए बंदोबस्त नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किया गया है, और दूसरे को प्रदर्शन स्थल आज़ाद मैदान के आंतरिक घेरे में निगरानी अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है.

सीआरपीएफ, आरआरएएफ और एसआरपीएफ के अतिरिक्त बल चौबीसों घंटे तैनात हैं. चित्र/अतुल कांबले

सीआरपीएफ, आरआरएएफ और एसआरपीएफ के अतिरिक्त बल चौबीसों घंटे तैनात हैं. चित्र/अतुल कांबले

मुंबई पुलिस ने मराठा आरक्षण आंदोलन के मद्देनजर शहर भर में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. इस अभियान की निगरानी 14 पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कर रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मिड-डे को बताया कि डीसीपी को विशिष्ट ज़िम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं: एक को दक्षिण क्षेत्रीय प्रभाग के लिए बंदोबस्त नियंत्रण अधिकारी नियुक्त किया गया है, और दूसरे को प्रदर्शन स्थल आज़ाद मैदान के आंतरिक घेरे में निगरानी अधिकारी के रूप में तैनात किया गया है.

शेष 12 डीसीपी में से प्रत्येक को संवेदनशील स्थानों पर कम से कम 25 पुलिसकर्मी तैनात करने का निर्देश दिया गया है. दो डीसीपी सीएसटी जंक्शन पर, दो मंत्रालय और मंत्रियों के बंगलों पर तैनात हैं, जबकि अन्य वादी बंदर, हुतात्मा चौक, मानखुर्द नाका, मालाबार हिल, आज़ाद मैदान और अन्य चिन्हित हॉटस्पॉट जैसे प्रमुख क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं. 


एक डीसीपी को सादे कपड़ों में घेरे के अंदर से विरोध प्रदर्शन की निगरानी का भी काम सौंपा गया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस बल में 12 डीसीपी, 15 एसीपी, 55 पुलिस निरीक्षक, 280 सहायक निरीक्षक और उप-निरीक्षक, लगभग 2050 कांस्टेबल और मुंबई सुरक्षा बल (एमएसएफ) के 230 जवान शामिल हैं - कुल मिलाकर 2640 से ज़्यादा जवान दिन और रात की पाली में तैनात हैं. सीआरपीएफ, रैपिड रिस्पांस एक्शन फोर्स और राज्य रिजर्व पुलिस बल के जवान भी चौबीसों घंटे तैनात हैं.


सख्त नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिए, दक्षिण मुंबई को सात प्रमुख सुरक्षा क्षेत्रों में विभाजित किया गया है:

>> सेक्टर 1 (एयर इंडिया जंक्शन, राजगुरु जंक्शन, मंत्री बंगला, चर्चगेट स्टेशन, उषा मेहता चौक): डीसीपी, एसीपी और एमएसएफ सहित 250 से ज़्यादा जवान.


>> सेक्टर 2 (मंत्रालय, सचिव द्वार, आकाशवाणी, विधायक निवास, रीगल, ताज होटल, गेटवे): 290 जवान.

>> सेक्टर 3 (चर्चगेट, पारसीवाड़ी, बॉम्बे हाईकोर्ट, हुतात्मा चौक, मेट्रो जंक्शन, प्रेस क्लब, एलएंडटी गेट): सीआरपीएफ की एक कंपनी सहित 190 जवान.

>> सेक्टर 4 (आजाद मैदान और आसपास): गेट संख्या 1-4, क्रॉस मैदान और विरोध मंच पर 250 से ज़्यादा जवान; आयोजन स्थल के अंदर 24x7 निगरानी के लिए 136 और अधिकारी.

>> सेक्टर 5 (सेल्फी पॉइंट, अमर जवान ज्योति, बीएमसी बिल्डिंग, मैकडॉनल्ड्स, टाइम्स ऑफ इंडिया कार्यालय, मानवाधिकार कार्यालय): लगभग 260 जवान.

>> सेक्टर 6 (सीएसटी, आरबीआई रोड, सिंदूर ब्रिज, क्रॉफर्ड मार्केट, हज हाउस, वादी बंदर): लगभग 170 जवान.

>> सेक्टर 7 (एसवीपी रोड, गोदी, शांतिलाल पटेल चौक, काकलिज चौक): लगभग 136 जवान तैनात किए जाएँगे.

मंगलवार को, महाराष्ट्र सरकार ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं की ज़्यादातर माँगें मान लीं, लेकिन उसकी असली परीक्षा अदालत में होगी, जहाँ उसे इस कदम को सही ठहराना होगा और नाराज़ अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को शांत करना होगा. ओबीसी नेता लंबे समय से अदालती टिप्पणियों और फैसलों का हवाला देते रहे हैं जो किसी भी समुदाय को इस तरह से आरक्षण देने के ख़िलाफ़ थे.

देवेंद्र फडणवीस ने सप्ताह भर चले विरोध प्रदर्शन के कारण हुई असुविधा के लिए मुंबई के नागरिकों से माफ़ी मांगी. उन्होंने कहा, "करीब एक हफ्ते तक लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. मैं माफ़ी मांगता हूँ." उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार इस मामले में अदालत की टिप्पणियों का पूरी तरह पालन करेगी. अव्यवस्था के कारण, गवाह अदालत में नहीं आए, नए आवेदनों पर विचार नहीं किया गया और वास्तविक वादीगण परेशान हुए. हालाँकि अदालतें खुली रहीं, लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण फैसले में देरी हुई. कैंटीन भी बंद रही. कोई वास्तविक उद्देश्य पूरा नहीं हुआ.

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