Updated on: 19 February, 2025 03:56 PM IST | Mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
एक सभा में शिवसेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लोगों तक ले जाएं.
चित्र/महाराष्ट्र उपमुख्यमंत्री कार्यालय
विधानसभा चुनावों में अभूतपूर्व सफलता के बाद, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से राज्य में आगामी नगर निगम चुनावों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. एक न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एक सभा में शिवसेना के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में मुंबई और राज्य में सरकार द्वारा किए गए कार्यों को लोगों तक ले जाएं. हर वार्ड में शिवसेना की शाखा होनी चाहिए और हर घर में एक शिव सैनिक होना चाहिए.
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रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने सदस्यों और पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक वार्ड से 123 नए नामों को पार्टी सदस्यों के रूप में पंजीकृत करें और सुनिश्चित करें कि प्रत्येक वार्ड में 10,000 से अधिक पंजीकृत सदस्य हों. उन्होंने आगे कहा, "कुछ लोग चुनाव के करीब आने पर मुंबई को तोड़ने की बात करते हैं. लेकिन जब तक सूरज और चाँद है, कोई भी मुंबई को हमसे अलग नहीं कर सकता. हमारी सरकार रुकी हुई पुनर्विकास परियोजनाओं को आगे बढ़ा रही है और विस्थापित मुंबईकरों को वापस ला रही है. हमने ठाणे की तरह मुंबई में क्लस्टर-आधारित विकास शुरू करने के लिए म्हाडा, एमएमआरडीए, महाप्रीत और एमआईडीसी जैसी विभिन्न एजेंसियों को एकीकृत किया है. हमारी सरकार ने मुंबई में सात एसटीपी स्थापित किए हैं और तीन से चार साल के भीतर, संसाधित अपशिष्ट जल समुद्र में छोड़ा जाएगा, जिससे मुंबई का समुद्री पानी क्रिस्टल ब्लू में बदल जाएगा".
उन्होंने कहा, "हमने पूरे राज्य में 700 बालासाहेब ठाकरे स्वास्थ्य क्लीनिक शुरू किए हैं, और मुंबई में 300 और क्लीनिक शुरू किए जाएंगे. इसके अलावा, हमने 300 एकड़ का सेंट्रल पार्क विकसित करने के लिए महालक्ष्मी रेसकोर्स से 120 एकड़ जमीन ली है - ऐसा कुछ जो पहले किसी ने करने की हिम्मत नहीं की." रिपोर्ट के अनुसार विपक्ष पर तीखा हमला करते हुए शिंदे ने कहा, "जब मैं मुख्यमंत्री बना, तो मैंने मुंबई की सड़कें साफ कीं और प्रदूषण कम किया. लेकिन आपने इसके बजाय खजाने की सफाई करने में सालों बिता दिए."
विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को बालासाहेब के सिद्धांतों की परवाह नहीं है और वे अपनी संपत्ति चाहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने एक प्रेस नोट में कहा, "वे बालासाहेब के सिद्धांतों की परवाह नहीं करते हैं, उन्हें बस पार्टी की संपत्ति चाहिए. बालासाहेब ठाकरे एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने इस देश को हिंदुत्व की विचारधारा दी. लेकिन विपक्ष सत्ता के लालच में आ गया और सब कुछ खो दिया. अगर वे मुख्यमंत्री नहीं बनते, तो पार्टी में विभाजन नहीं होता. वे अपने सहयोगियों के साथ नौकरों जैसा व्यवहार करने लगे. कोई पार्टी मालिक और नौकरों का पदानुक्रम बनाकर आगे नहीं बढ़ती. उन्होंने एक जिला प्रमुख को भी बुलाया और पूछा, `क्या आप मालिक के साथ रहेंगे या नौकर के साथ जाएंगे?` इस तरह की मानसिकता से पार्टी कभी आगे नहीं बढ़ेगी."
शिंदे ने कहा, "यह पार्टी कार्यकर्ताओं की है. बालासाहेब ने इसे अपने दिल से पाला है, हर शिवसैनिक का सम्मान किया है. हमने बालासाहेब और आनंद दिघे की शिक्षाओं का पालन करते हुए आम लोगों के लिए सरकार बनाई है. हमारे विद्रोह के बाद हुए ग्राम पंचायत चुनावों में हम दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे हैं. महायुति गठबंधन पर चर्चा करते हुए शिंदे ने कहा, "तीनों पार्टियां मिलकर काम कर रही हैं."
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