Updated on: 26 February, 2024 07:30 PM IST | mumbai
Hindi Mid-day Online Correspondent
महाराष्ट्र में काफी समय से एक नाम चर्चा में है. वह है मनोज जारांगे का. मनोज जारांगे मराठा कोटा आरक्षण के लिए काफी चर्चा में हैं. वह कई बार इस आरक्षण के लिए भूख हड़ताल भी कर चुके हैं. एक बार भी अवैध प्रदर्शन के मामले को लेकर मनोज जरांगे पर इस बीच पुलिस ने दो मामलों पर एफआईआर दर्ज की है.
फाइल फोटो
मुंबई: महाराष्ट्र में काफी समय से एक नाम चर्चा में है. वह है मनोज जारांगे का. मनोज जारांगे मराठा कोटा आरक्षण के लिए काफी चर्चा में हैं. वह कई बार इस आरक्षण के लिए भूख हड़ताल भी कर चुके हैं. एक बार भी अवैध प्रदर्शन के मामले को लेकर मनोज जरांगे पर इस बीच पुलिस ने दो मामलों पर एफआईआर दर्ज की है. इसमें अलग-अलग जगह पर धरना देने और सड़क जाम करने को लेकर मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मनोज जारांगे की अपील पर ही उनके समर्थक प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतरे.
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करीब 80 लोगों पर गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने, लोक सेवक द्वारा कानूनी रूप से आदेश और महाराष्ट्र पुलिस एक्ट के सेक्शन 135 की अवहेलना का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया है. साथ ही बीड जिले के शिरुर गांव में जतनादुर फाटा में विरोध प्रदर्शन और पटोदा में जाम लगाने का भी आरोप मनोज जरांगे पर लगा है. साथ पुलिस ने कहा कि जरांगे के समर्थको ने अधिकारियों से अनुमति नहीं ली और बिना कलेक्टर की आज्ञा के बिना ही प्रदर्शन किया जो कि गैर कानूनी है.
इससे पहले मनोज जरांगे कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को कुनबी प्रमाण पत्र देने और ओबीसी के तहत मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की थी. इस मामलों को लेकर उन्होंने मुंबई यात्रा करने की भी मांग की. उन्होंने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस पर ड्रॉफ्ट नोटिफिकेशन को लागू न करने का भी आरोप लगाया है. इसके बाद 17 दिनों की भूख हड़ताल उन्होंने वापस भी ली. पिछले हफ्ते, राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत अलग आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया. जारांगे, जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं, हालांकि, उन्होंने ओबीसी श्रेणी के तहत मराठों के लिए आरक्षण पर जोर दिया और अपना उपवास जारी रखा है.
उन्होंने कहा, "हालांकि मैं आज अपना आंदोलन (भूख हड़ताल) स्थगित कर रहा हूं, लेकिन 3 से 4 युवा यहां बैठेंगे और हमारी मांगों के लिए हर दिन उपवास करेंगे. मैं कुछ गांवों का दौरा भी करूंगा और उन्हें अपना रुख समझाऊंगा. गृह विभाग द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण वे यहां (अंतरवाली सरती गांव में) मुझसे मिलने नहीं आ सके".
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