आदित्य ठाकरे की जीत के बाद शिवसैनिक जीत का जश्न मनाते दिखाई दिए.
पिछले चुनावों में आदित्य ठाकरे ने वर्ली से बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार का मुकाबला काफी करीबी साबित हुआ.
आदित्य ठाकरे ने कुल 63,324 वोटों के साथ जीत तो हासिल की, लेकिन जीत का अंतर बेहद कम, महज 8,801 वोटों का रहा.
यह आंकड़ा आदित्य ठाकरे के लिए एक कड़ा संकेत है, जो दिखाता है कि वर्ली में शिवसेना (उद्धव गुट) का गढ़ अब पहले जितना मजबूत नहीं रहा.
इस मुकाबले में शिवसेना (शिंदे गुट) के प्रत्याशी ने कड़ी टक्कर दी. चुनाव प्रचार के दौरान दोनों पक्षों ने जोर-शोर से अभियान चलाया और वर्ली की जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का प्रयास किया.
आदित्य ठाकरे ने अपने प्रचार में विकास और पारदर्शिता को प्रमुख मुद्दा बनाया, वहीं शिंदे गुट ने गवर्नेंस और अपने नई शिवसेना के एजेंडे पर जोर दिया.
आदित्य ठाकरे की इस जीत ने वर्ली में उनकी पकड़ को बरकरार तो रखा, लेकिन घटते वोटों के अंतर ने यह भी दिखाया कि विपक्ष के उम्मीदवारों ने उनकी स्थिति को चुनौती देने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
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