यह विरोध स्थानीय लोगों द्वारा दायर एक रिट याचिका के आधार पर उच्च न्यायालय के आदेश का पालन न करने के कारण हुआ. (Story By: Prasun Choudhari, Pics/Nimesh Dave)
आदेश में स्पष्ट किया गया था कि किसी भी सर्वेक्षण से पहले निवासियों से परामर्श करना अनिवार्य है.
लेकिन स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि अधिकारी बिना पूर्व सूचना या औपचारिक चर्चा के सीधे सर्वेक्षण के लिए आ गए.
मुक्तेश्वर सोसाइटी के सचिव अजीत ठाकुर ने कहा, "यह गलत है कि उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी की जा रही है. अदालत ने कहा है कि जमीन पर कोई भी कार्रवाई करने से पहले हमसे चर्चा की जानी चाहिए."
उन्होंने इस बात की पुष्टि के लिए न्यायालय के आदेश की प्रति भी प्रस्तुत की. एक अन्य स्थानीय निवासी ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, "पुनर्विकास परियोजना से हमारे घर और रोजी-रोटी प्रभावित होगी. हम मलाड में धारावी का पुनर्वास नहीं चाहते."
गुरुवार सुबह करीब 7:45 बजे जब अधिकारी सर्वेक्षण करने पहुंचे, तो स्थानीय निवासी तुरंत विरोध में इकट्ठा हो गए. पुलिस ने इलाके में भारी बैरिकेडिंग कर रखी थी और दंगा पुलिस, आंसू गैस और अन्य सुरक्षा उपकरणों के साथ तैनात थी. लेकिन बढ़ते विरोध के कारण अधिकारियों को सर्वेक्षण रोकना पड़ा.
विरोध के दौरान स्थानीय विधायक असलम शेख भी पहुंचे. उन्होंने अधिकारियों से सर्वेक्षण बंद करने और एकत्र किए गए डेटा को हटाने की मांग की.
बाद में, अक्सा गांव और आसपास के कोलीवाड़ा के सात प्रतिनिधियों ने मालवानी पुलिस स्टेशन और मुंबई उपनगरीय जिला कलेक्टर राजेंद्र क्षीरसागर से मुलाकात की.
कलेक्टर ने कहा, "मैंने उनकी चिंताएं सुनीं और उन्हें बताया कि इस मामले का निर्णय मेरे स्तर पर नहीं लिया जाएगा."
स्थानीय लोगों का विरोध दर्शाता है कि इस परियोजना पर आगे कोई भी कदम उठाने से पहले संवाद और पारदर्शिता जरूरी है.
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