`मुंबई चा राजा` को विसर्जन के लिए पंडाल से निकाल गया है. Pic/Shadab Khan
पंडाल से जब `मुंबई चा राजा` की प्रतिमा विसर्जन के लिए निकलती है, तब भक्तों में खास ऊर्जा देखने को मिलती है.
तस्वीरों में आप देख सकते है कि विसर्जन यात्रा के दौरान सड़कों पर भक्तों का हुजूम उमड़ता है, जहाँ लोग झूमते, नाचते और ढोल-ताशों की धुन पर गाते हुए गणपति बाप्पा को विदाई देते हैं. मुंबई के हर कोने से लोग इस यात्रा में हिस्सा लेने के लिए जमा होते हैं.
‘मुंबई चा राजा’ की यात्रा न केवल भक्तों के लिए एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह मुंबई की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है.
हर साल गणेश चतुर्थी के दौरान यह मूर्ति लालबाग के पंडाल में स्थापित की जाती है, जहां भक्तगण भारी संख्या में `मुंबई चा राजा` के दर्शन के लिए आते हैं.
भक्तगण अपने प्रिय गणपति बाप्पा की विदाई के समय भावुक हो जाते हैं, लेकिन साथ ही वे अपने उत्साह और भक्ति को भी प्रकट करते हैं.
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