बांद्रा में, यहां तक कि सेंट पीटर चर्च में भी यीशु के जन्म का चित्रण है, और कार्डोज़ हमेशा से इसके प्रति आकर्षित रहे हैं. कई रंगो से भरा हुआ ग्लास खिड़कियों में से एक में जन्म के दृश्य को दर्शाया गया है, लेकिन यह जॉयफुल रहस्यों का हिस्सा है. कार्डोज़ के अनुसार, रंगीन कांच का कारण एक जेसुइट भाई को माना जा सकता है जो चीन गया था, और वहां बच्चों को रंगीन कांच की कला सिखा रहा था, और रंग वापस लाया. फर्नांडीस कहते हैं कि यह न केवल चर्च है बल्कि गोरेगांव सेमिनरी चैपल भी है, जो यीशु मसीह के जन्म को दर्शाता है. यह ईसा मसीह के जीवन को दर्शाता है, लेकिन इनमें से एक चित्रण ईसा मसीह के जन्म का भी है. मुंबईकर को इसमें जिस तरह से यीशु को प्रस्तुत किया गया है वह मदर मैरी और सेंट जोसेफ के साथ बहुत दिलचस्प लगता है.