इस जीत ने न केवल सातारा सिंघम की प्रतिष्ठा को बढ़ाया, बल्कि उनके समर्थकों में भी उत्साह का संचार किया.
प्रो-गोविंदा लीग प्रतियोगिता में कुल 32 टीमों ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 16 टीमों ने फाइनल में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया. इस प्रतियोगिता में सातारा सिंघम ने पहला स्थान प्राप्त किया.
इस समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे मौजूद थे. इस दौरान उन्होंने कहा, `यह गर्व की बात है कि गोविंदा या दही हांडी का खेल प्रो-गोविंदा लीग के माध्यम से वैश्विक स्तर पर पहुंच गया है.`
सीएम शिंदे ने कहा, "खेल प्रतिस्पर्धात्मक होना चाहिए, लेकिन घातक नहीं. इस बात को ध्यान में रखते हुए, आइए इस साल बिना किसी दुर्घटना के गोविंदा उत्सव मनाएं. यह खेल स्वतंत्रता से पहले के समय से चल रहा है और इसे साहसिक खेलों की श्रेणी में शामिल किया गया है. यहां कई गोविंदा उपस्थित हैं. सरकार ने इन गोविंदाओं के लिए बीमा कवर की जिम्मेदारी ली है और इस साल 75,000 गोविंदाओं का बीमा किया गया है."
उन्होंने आगे कहा कि भविष्य में इस खेल को ओलंपिक में शामिल करने के प्रयास किए जाएंगे.
समारोह में मुख्यमंत्री के बेटे और लोकसभा सांसद श्रीकांत शिंदे, शिवसेना के राज्यसभा सांसद मिलिंद देवरा, विधायक प्रताप सरनाईक, मोहम्मद दुर्रानी और पुर्वेश सरनाईक सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
बता दें, फाइनल मुकाबले में, सातारा सिंघम का सामना मुंबई के दमदार टीम से हुआ. दोनों टीमों ने पूरे जोर-शोर से खेला, लेकिन सातारा सिंघम की टीम ने अपने दम पर अपने प्रतिद्वंद्वियों को मात दे दी.
टीम के मुख्य खिलाड़ी ने निर्णायक क्षणों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिससे टीम को जीत हासिल करने में मदद मिली।
इस जीत ने सातारा सिंघम को प्रो-गोविंदा लीग का चैंपियन बना दिया और उन्हें ट्रॉफी के साथ-साथ भारी नकद पुरस्कार भी मिला.
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