हालांकि, मुंबई पुलिस ने अभी तक इस मोर्चे की आधिकारिक अनुमति नहीं दी है, फिर भी विपक्षी दलों के कार्यकर्ता और समर्थक बड़ी संख्या में जुटने लगे हैं. (Pics: Atul Kamble)
सोशल मीडिया पर उनकी लोकल ट्रेन से की हुई यात्रा की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
राज ठाकरे ने कहा कि `यह लड़ाई लोकतंत्र की रक्षा के लिए है, क्योंकि अगर मतदाता सूची में ही गड़बड़ी रहेगी तो चुनाव का असली अर्थ खत्म हो जाएगा.`
इस मोर्चे में मनसे के साथ-साथ शरद पवार गुट (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-एसपीए), उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), कांग्रेस, माकपा, समाजवादी पार्टी, एसएचकेएपी और अन्य संगठनों के नेता भी शामिल हैं.
सभी दलों ने मतदाता सूची से नाम गायब होने, फर्जी वोटिंग और चुनावी प्रक्रिया में धांधली जैसे मुद्दों पर एक स्वर में विरोध जताने का फैसला किया है.
मार्च शुरू होने से पहले ही मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं.
बीएमसी मुख्यालय और मेट्रो सिनेमा के आसपास अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है.
कई इलाकों में ट्रैफिक डायवर्जन भी किया गया है ताकि भीड़ नियंत्रण में रहे.
विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने मतदाता सूची की गड़बड़ियों की जांच नहीं की, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा.
वहीं, मनसे के नेताओं का कहना है कि ‘सत्याचा मोर्चा’ किसी पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों और पारदर्शी चुनाव प्रणाली के समर्थन में निकाला जा रहा है.
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